गंगटोक । सिक्किम के लोकसभा सांसद Indra Hang Subba और दार्जिलिंग के सांसद Raju Bista ने आज राजधानी नई दिल्ली में केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री Jual Oram से मुलाकात कर उनके समक्ष गोरखा समुदाय की उपजातियों को अनुसूचित जनजातियों के रूप में फिर से शामिल करने की बात रखी। दोनों सांसदों ने केंद्रीय मंत्री ओराम को उनके नए पद के लिए बधाई देते हुए इन समुदायों की ऐतिहासिक कमी को दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया।
बैठक के दौरान, सांसद सुब्बा और बिष्ट ने दार्जिलिंग, सिक्किम और इसके निकटवर्ती क्षेत्रों के जटिल प्रशासनिक इतिहास पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में 19वीं शताब्दी के बाद से विभिन्न शासकीय ढांचे रहे हैं, जिनमें देश के अन्य जनजातीय क्षेत्रों के समान गैर-विनियमित क्षेत्र और आंशिक पृथक क्षेत्र के रूप में वर्गीकरण शामिल हैं।
सांसदों ने बताया कि जहां कई आंशिक पृथक क्षेत्र स्वतंत्रता के बाद मूल आबादी के संरक्षित अधिकारों के साथ राज्य या केंद्र शासित प्रदेश बन गए, वहीं दार्जिलिंग और सिक्किम को ऐसी व्यवस्था का लाभ नहीं मिला। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि समान क्षेत्रों की अन्य जनजातियों को अनुसूचित जनजातियों के रूप में फिर से शामिल किये जाने के बावजूद दार्जिलिंग की गोरखा उप-जनजातियों और 1975 में सिक्किम के भारत में विलय के बाद भी राज्य की 12 उप-जनजातियों को इससे बाहर ही रखा गया। ऐसे में, सुब्बा और बिष्ट ने इस बात पर जोर दिया कि अगर तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो इन उप-जनजातियों के मूल इतिहास, संस्कृति और परंपराओं को खोने का जोखिम है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से इन समुदायों की विरासत की रक्षा हेतु पुन: समावेशन प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है।
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