गंगटोक, 11 अक्टूबर । सिक्किम में विनाशकारी आपदा और उसके बाद की मौजूदा गंभीर स्थिति राहत कार्यों में लगी सिटीजन एक्शन पार्टी (सीएपी) ने एक बार फिर इस आपदा के लिए सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा सरकार के साथ ही पूर्ववर्ती सरकारों की अदूरदर्शिता को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही सीएपीएस ने राहत कार्यों में राज्य सरकार की ढिलाई एवं उनके द्वारा ऐसे समय में भी राजनीतिक करने की तीव्र निंदा की है।
सीएपी के प्रवक्ता महेश राई ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट के कारण वर्तमान समय में उत्तर से लेकर दक्षिण तक राज्य में तबाही का मंजर है। इसके कारण अनगिनत लोगों की जानें गईं हैं और बेहिसाब संपत्ति का नुकसान हुआ। कई गांवों का नामो-निशान नहीं है और चारों ओर करुण क्रंदन एवं चीख-पुकार का आलम है। ऐसे में कहना न होगा कि उत्तर सिक्किम में हजारों करोड़ की लागत से बना चुंगथांग बांध आज सिक्किम के लिए तबाही का कारण बन गया है। ऐसे समय में मानवता के दृष्टिकोण से लोगों की जान बचाने और राज्य को इस भयावह स्थिति से बाहर निकालने नि:स्वार्थ सेवा की आवश्यकता है। बहरहाल यह जानना भी जरूरी है कि ऐसी स्थिति के लिए कौन और क्या जिम्मेदार है।
राई के अनुसार, 4 अक्टूबर की रात हुई आपदा के बाद से ही खबर मिलते ही सीएपी ने सभी राजनीतिक कार्य छोड़ कर बगैर किसी दिखावे के राहत व बचाव कार्यों में जुट गई। पार्टी के कार्यकर्ता आपदा में सर्वाधिक प्रभावित उत्तर सिक्किम के लिए भी चल पड़े और आज तक नि:स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं। लेकिन यहां यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि जहां हमारे स्वयंसेवक यथासंभव सेवा करने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं वर्तमान सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता अपने नेताओं के इशारे पर सोशल मीडिया के माध्यम से झूठ फैलाकर इसे बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, प्रचार कार्यों में सीएपी के कार्यकर्ताओं द्वारा सन कैप पहनने में भी सत्तारूढ़ पार्टी को राजनीति नजर आ रही है और उसके प्रचार विंग के एक नेता ने इसे लेकर झूठी खबरें फैलाई है। हालांकि, सीएपीएस इसे अजीब नहीं मानती क्योंकि वर्तमान एसकेएम सरकार को न तो सिक्किम की परवाह है और न ही यहां के लोगों की। उन्हें सिर्फ सत्ता चाहिए। वहीं, राई ने एसकेएम पर ही राहत व बचाव कार्यों में अपना प्रचार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि एसकेएम पार्टी ने जो टीशर्ट और कंबल बांटे हैं, उन पर उनका चुनाव चिह्न छपवाया है।
इसके अतिरिक्त, सीएपीएस प्रवक्ता ने यह भी कहा कि आज सिक्किम को उन नेताओं की अदूरदर्शिता का दुष्परिणाम भुगतना पड़ रहा है जो खुद को भगवान मान रहे हैं। वैज्ञानिकों ने 2003 में ही चुंगथांग में बांध बनाए जाने के दुष्परिणामों के बारे में चेतावनी दे दी थी। लेकिन आज तक जो भी सरकारें बनीं, वे मुनाफाखोरों और पूंजीपतियों के इशारों पर नाचती रहीं। मोटा मुनाफा कमाने के लिए सिक्किम में जड़ें जमा चुके पूंजीवादियों की कठपुतली सरकार वैज्ञानिकों की सलाह और स्थानीय लोगों एवं विपक्ष के विरोध के बावजूद बांध के कमीशन में ही उलझी रही। वहीं, सिक्किम सरकार ने इस आपदा को राज्य आपदा के तौर पर भी घोषित नहीं किया है। लेकिन इस भयावह आपदा को केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय आपदा घोषित कर सिक्किम को उसके अनुसार हरसंभव सहायता मिलनी चाहिए थी, जो अब तक नहीं हुई है।
राई ने यह दावा भी किया कि वर्तमान में सत्ता में नहीं होने के बावजूद सीएपी इस आपदा में मानवता की कीमत पर बिना संसाधनों के जो कर रही है वह अपने आप में एक उदाहरण है। यह दर्शाता है कि आपदा में मदद के लिए सत्ता की जरूरत नहीं है। इसके अलावा, उन्होंने पार्टी की ओर से चुंगथांग से शुरू हुई इस विनाशकारी घटना की उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की।
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