यांगगांग है दक्षिण सिक्किम का एक छुपा हुआ रत्न : विकास बस्नेत

नामची : पर्यटन विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय युवा सम्मेलन के तीसरे और अंतिम दिन सिक्किम विश्वविद्यालय के यांगगांग परिसर में शैक्षणिक सत्र का आयोजन पर्यटन विभाग और संगीत विभाग ने यांगगांग पर्यटन विकास समिति के साथ ज्ञान साझेदारी में संयुक्त रूप से आयोजित किया। यह सत्र ‘सामुदायिक सशक्तिकरण के लिए पर्यटन: एक सतत परिप्रेक्ष्य’ विषय के तहत आयोजित किया गया था।

इस कार्यक्रम में सिक्किम के मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव विकास बस्‍नेत, सिक्किम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो ज्योति प्रकाश तमांग, एसयू यांगगांग परिसर की निदेशक प्रो दुर्गा छेत्री, प्रो योदिता भूटिया, पाकिम हवाई अड्डे के निदेशक प्रो जिग्मी भूटिया के साथ-साथ 17 भारतीय राज्यों, 4 केंद्र शासित प्रदेशों और पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान के सम्मानित संकाय सदस्यों, छात्रों और प्रतिनिधियों की सम्मानित उपस्थिति देखी गई।

अपने संबोधन में विकास बस्‍नेत ने यांगगांग को दक्षिण सिक्किम का एक छुपा हुआ रत्न बताया, जहां परंपरा आकांक्षाओं से मिलती है। उन्होंने यांगगांग की समुदाय आधारित और पारिस्थितिकी पर्यटन के केंद्र के रूप में बढ़ती प्रतिष्ठा पर जोर दिया, जो इसके शांत परिदृश्य, समृद्ध लोककथाओं, पारंपरिक कृषि संस्कृति और सांस्कृतिक जीवंतता में निहित है। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन पर्यटन को शिक्षा के साथ तथा शिक्षा को अवसर के साथ जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

सिक्किम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ज्योति प्रकाश तमांग ने जातीय खाद्य प्रणालियों पर एक विचारोत्तेजक प्रस्तुति दी, जिसमें ‘केनेमा’ जैसे पारंपरिक व्यंजनों की सांस्कृतिक और वैज्ञानिक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने विस्तार से बताया कि किस प्रकार पर्यटन में वैश्विक अग्रणी फ्रांस ने अपनी पाक विरासत का लाभ उठाया और किस प्रकार सिक्किम अपनी समृद्ध खाद्य संस्कृति को बढ़ावा देकर इसी प्रकार का मॉडल अपना सकता है। उन्होंने राज्य के लिए व्यापक प्रचार रणनीतियों में खाद्य पर्यटन को एकीकृत करने को प्रोत्साहित किया।

प्रोफेसर योदिता भूटिया ने अपने संबोधन में सतत पर्यटन के मूलभूत स्तंभों के रूप में सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संसाधनों और पारिस्थितिक सद्भाव को संरक्षित करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने युवाओं और शैक्षणिक समुदाय से जिम्मेदार यात्रा प्रथाओं को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से शामिल होने का आग्रह किया। प्रोफेसर दुर्गा छेत्री ने सामुदायिक सशक्तिकरण के लिए पर्यटन के केंद्रीय विषय पर बात की तथा समावेशी और समुदाय-आधारित पर्यटन विकास मॉडल की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने जमीनी स्तर के पर्यटन उद्यमों के दस्तावेजीकरण, अनुसंधान और समर्थन में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर प्रकाश डाला।

इस सत्र में सिक्किम विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के छात्रों द्वारा जीवंत लोक संगीत की प्रस्तुति भी दी गई, जिसने दिन की कार्यवाही में एक समृद्ध सांस्कृतिक आयाम जोड़ दिया। सम्मान और सद्भावना के प्रतीक के रूप में सिक्किम विश्वविद्यालय ने सभी प्रतिनिधियों, वक्ताओं और विशिष्ट अतिथियों को खादी और प्रेम के प्रतीक के साथ सम्मानित किया, जो सिक्किमी परंपरा में गहराई से निहित गर्मजोशी और आतिथ्य के मूल्यों को दर्शाता है।

तीसरे दिन के सत्र के पहले भाग में यांगगांग को एक बढ़ते हुए शैक्षणिक और सांस्कृतिक गंतव्य के रूप में देखने के दृष्टिकोण को सफलतापूर्वक सुदृढ़ किया गया, जहां पर्यटन, शिक्षा और सामुदायिक प्रगति उद्देश्य और गौरव के साथ एक साथ आते हैं। इस कार्यक्रम की जानकारी डॉ अमित कुमार सिंह (एसोसिएट प्रोफेसर प्रमुख, पर्यटन विभाग, एसयू) ने दी तथा कार्यक्रम का आयोजन सचिव डॉ जिग्मी वांगचुक भूटिया (एसोसिएट प्रोफेसर, पर्यटन विभाग, एसयू) ने किया। यह जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यांगंग पर्यटन विकास समिति के प्रचार प्रसाद प्रमुख हेम रिजाल ने दी है।

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