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नामची सामुदायिक भवन को लेकर सरकार चुप क्यों : जूडी राई

गंगटोक , 25 फरवरी । SDF ने नामची सामुदायिक हाल में कुप्रबंधन के आरोपों पर सरकार की चुप्‍पी को लेकर सवाल खड़ा किया है।

यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में एसडीएफ की प्रचार प्रसार महासचिव जूडी राई ने कहा कि 8 फरवरी को, हमारी पार्टी के प्रवक्ता अरुण लिम्बू ने नामची सामुदायिक हॉल का दौरा किया, जिसमें वित्तीय कुप्रबंधन के बारे में गंभीर चिंताएं व्यक्त की गईं। उन्होंने आरटीआई दस्तावेजों का खुलासा किया जिससे पता चला कि एसकेएम ने परियोजना की लागत को 96 करोड़ तक बढ़ा दिया है। पवन चामलिंग ने 20 करोड़ से कम लागत पर इस परियोजना को मंजूरी दी थी और 2019 तक महत्वपूर्ण प्रगति की थी।

उन्‍होंने कहा कि यह लगभग 80 करोड़ का अंतर राज्य की वित्तीय स्थिति के लिए गंभीर चिंता का विषय है। 80 करोड़ रुपये से हजारों युवाओं को आर्थिक सहायता मिल सकती थी, सैकड़ों घर बन सकते थे, हजारों युवाओं को नौकरी मिल सकती थी। सवाल उठता है कि सिक्किम के हजारों लोगों के भविष्य पर असर डालने वाले इस मुद्दे पर सरकार चुप क्यों है? इस मामले की आगे की जांच से पता चला है कि इस ठेकेदार को सैकड़ों करोड़ रुपये के ऐसे ही बढ़े हुए ठेके मिले हैं। इसका मतलब यह है कि जनता का सैकड़ों करोड़ रुपये वित्तीय अनियमितताओं की भेंट चढ़ गया। इस तरह से जनता का पैसा बर्बाद होने से उन हजारों युवाओं का भविष्य खराब हो जाता है जो नौकरी और सुविधाओं से वंचित हैं।

सुश्री राई ने कहा कि इसी समय, एसकेएम पार्टी द्वारा लगभग 30 निर्वाचन क्षेत्रों में दैनिक बैठकें आयोजित की गई हैं, और 1 जनवरी से पहले ही कई राज्य स्तरीय एसकेएम बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों का खर्च सैकड़ों करोड़ रुपये में होता है, धन के स्रोत को लेकर संदेह पैदा हो रहा है। एक तरफ मुख्यमंत्री गोले सरकार में फंड की कमी की शिकायत करते रहते हैं तो दूसरी तरफ पार्टी की बैठकों पर रिकॉर्ड तोड़ खर्च हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि बढ़ती चुनौतियों के बीच, सरकार द्वारा सार्वजनिक कल्याण पर राजनीतिक एजेंडे को प्राथमिकता देना स्पष्ट है, जिससे इसकी अखंडता और शासन के प्रति प्रतिबद्धता पर संदेह पैदा हो रहा है।

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