सिलीगुड़ी बंद का दिखा व्‍यापक असर, पुलिस ने 15 लोगों को किया गिरफ्तार

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी के निकट माटीगाड़ा के तुम्बाजोत में एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा एक हिन्दू युवक के घर और दुकान पर किये गये हमले के विरोधस्वरूप विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आज आहूत 24 घंटों के बंद का सिलीगुड़ी में जोरदार असर देखने को मिला। इस घटना ने क्षेत्रीय सौहार्द, सुरक्षा स्थिति और राजनीतिक चिंताओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसे लेकर, सांसद राजू बिष्ट ने अपने सोशल मीडिया पेज के जरिए इस बारे में बात की है।

आज बंद के दौरान सवेरे से ही सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के जवान सड़कों पर मुस्तैद रहे। उन्होंने बंद के दौरान सड़क यातायात बाधित करने, जबरन दुकानें बंद कराने और शांति भंग करने की कोशिश करने के आरोप में 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि विभिन्न संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा के बाद इसमें शामिल और लोगों की पहचान की जाएगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार प्राथमिक साक्ष्यों के आधार पर गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने, सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा डालने और व्यापार में हस्तक्षेप करने के आरोप में कार्रवाई की गई है।

हालांकि विहिप के आज के बंद का व्यापक असर रहा और शहर के हिल कार्ट रोड, सेवक रोड, रेगुलेटेड मार्केट, माटीगाड़ा और तुम्बाजोत समेत कई जगहों पर दुकानें बंद रहीं, जबकि वाहनों का आवागमन भी कम रहा। सरकारी बसें तो चल रही थीं, लेकिन चालक हेलमेट पहने और बेहद सावधानी से वाहन चलाते नजर आए। वहीं, शहर के सभी बाजार, स्कूल और दफ्तर लगभग पूरी तरह बंद रहे। प्राप्‍त जानकारी के अनुसार, बंद के दौरान कुछ जगहों पर विहिप एवं भाजपा समर्थकों के साथ तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच बड़ी झड़पें हुईं, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी।

उल्लेखनीय है कि तनाव की शुरुआत विगत 30 मई को उस समय हुई जब माटीगाड़ा में एक चार पहिया वाहन पर गोमांस तस्करी करते कुछ लोगों को भीड़ ने पकड़ कर पीटा और वाहन को आग के हवाले कर दिया। लेकिन स्थिति तब और जटिल हो गई जब इसके अगले दिन 150 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने हिन्दू समुदाय के एक युवक के घर और दुकान पर हमला कर दिया। आरोप है कि हमलावरों ने घर की महिलाओं और बच्चों के साथ भी मारपीट की। स्थानीय लोगों ने पुलिस पर भी निष्क्रियता और धमकाने का आरोप लगाया है।

इसके बाद से ही राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं। विहिप, बजरंग दल और भाजपा नेताओं का कहना है, ‘यह लड़ाई धर्म या जाति के खिलाफ नहीं, बल्कि इस्लामिक जिहादी मानसिकता के खिलाफ है।’ उन्होंने भारत की कथित छद्म धर्मनिरपेक्षता की आलोचना की और कहा, ‘भारत में जिहाद को प्रतिशोध और हिंदुत्व को क्रोध के रूप में दिखाया जाता है।’ दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा और विहिप पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाया है। दोनों मामलों में कुछ गिरफ्तारियां हुई हैं।

इसी बीच, उक्त मामलों में दोनों पक्षों के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें कुछ लोगों को अदालत में पेश किया गया है, जबकि अन्य के साथ जांच जारी है। सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के डीसीपी ईस्ट विश्वचंद ठाकुर ने यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि तनाव वाले इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया है। इधर, स्थानीय स्तर पर घटना की एनआईए या सीआईडी जांच की मांग की जा रही है। ऐसी भी संभावना है कि अगर स्थिति ज्यादा संवेदनशील हुई तो प्रशासन धारा 144 लगा सकता है।

विहिप नेताओं ने धार्मिक कट्टरता के खिलाफ वैचारिक, आर्थिक और सामाजिक प्रतिकार की जरूरत बताई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि विदेशी इस्लामिक फंडिंग के जरिए जिहादी प्रचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने ऐसे संगठनों पर नजर रखने और एनजीओ तथा शिक्षण संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि सांप्रदायिक हमलों में शामिल मास्टरमाइंड बचकर नहीं निकलने चाहिए। चूंकि यह पूर्वोत्तर भारत का चिकन नेक है, इसलिए यह एक संवेदनशील क्षेत्र है और इस क्षेत्र में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने वाली गतिविधियों को रोकना, ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले तत्वों को रोकना और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना बहुत जरूरी है।

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