गंगटोक : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), गंगटोक उप क्षेत्रीय कार्यालय ने पूर्व महाप्रबंधक (संचालन), एसबीएस दोरजी छिरिंग लेप्चा द्वारा स्टेट बैंक ऑफ सिक्किम (एसबीएस) से धन की हेराफेरी और धनशोधन के संबंध में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 65.46 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया।
कुर्क की गई संपत्तियों में 4 अचल संपत्तियां शामिल हैं, जिनमें सिक्किम के देवराली, सियारी, रानीपुल और पेनलोंग में स्थित आवासीय भवन और भूमि पार्सल शामिल हैं। ये संपत्तियां एसबीएस से धन की धोखाधड़ी से प्राप्त अपराध की आय (पीओसी) का उपयोग करके अर्जित की गई पाई गईं। अचल संपत्तियों के अलावा दोरजी छिरिंग लेप्चा और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर बैंक बैलेंस और सावधि जमा, कुल मिलाकर लगभग 53.41 करोड़ रुपये भी कुर्क किए गए हैं।
ईडी ने आईपीसी, 1860 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की विभिन्न धाराओं के तहत सीआईडी-पीएस, गंगटोक द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। बाद में जांच को सिक्किम सतर्कता पुलिस को सौंप दिया गया। ईडी की जांच से पता चला कि स्टेट बैंक ऑफ सिक्किम में महाप्रबंधक (संचालन) के पद पर कार्यरत दोरजी छिरिंग लेप्चा ने “एई रोड्स एंड ब्रिजेज डिपार्टमेंट, सिक्किम सरकार” के नाम से एक फर्जी बैंक खाता खोलकर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की।
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (सीबीआई) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के लेन-देन के लिए एसबीएस द्वारा बनाए गए जनरल लेजर (जीएल) खातों में हेरफेर करके इस खाते में धोखाधड़ी से धनराशि जमा की गई। बाद में इन निधियों को दोरजी छिरिंग लेप्चा, उनकी पत्नी और अन्य पारिवारिक सदस्यों और सहयोगियों के निजी खातों में भेज दिया गया। जांच में ब्याज आय बढ़ाने के लिए धोखाधड़ी से सावधि जमा में हेरफेर का भी पता चला। इसके अलावा, 14 फरवरी 2025 को ईडी द्वारा दोरजी छिरिंग लेप्चा से जुड़े कई परिसरों पर तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान, विभिन्न संपत्ति खरीद से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए और दोरजी छिरिंग लेप्चा से जुड़े विभिन्न बैंक खातों से लगभग 75 लाख रुपये जब्त किए गए। आगे की जांच जारी है।
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