सोरेंग : स्पेशल जुवेलाइल पुलिस यूनिट (एसजेपीयू) अधिकारियों को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल व संरक्षण) कानून के साथ एनडीपीएस, सीओटीपीए तथा एसएडीए समेत अन्य कानूनी ढांचे की विस्तृत जानकारी देने हेतु आज स्थानीय जिला प्रशासनिक केंद्र में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण का ध्यान एसजेपीयू अधिकारियों को 2015, नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए), 2003 और सिक्किम एंटी-ड्रग्स एक्ट (एसएडीए) सहित प्रमुख कानूनी ढांचे के गहन ज्ञान और समझ के साथ तैयार करने पर केंद्रित था।
एडीसी-1 डीआर बिष्ट की अध्यक्षता में हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्होंने जिले में किशोर न्याय प्रक्रियाओं को मजबूत करने में ऐसे प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण बताते हुए इस साल 25 जनवरी को गठित एसजेपीयू के बारे में अपने विचार रखे। उन्होंने कानून के साथ संघर्ष में या देखभाल एवं संरक्षण की जरूरत वाले किशोरों से निपटने के दौरान पुलिस अधिकारियों के कौशल को बढ़ाने में प्रशिक्षण के महत्व पर बल दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सभी प्रतिभागियों से सत्रों को गंभीरता से लेने का आग्रह किया और उन्हें कानूनी रूप से सुदृढ़ पुलिसिंग प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए अपने क्षेत्र कर्तव्यों में प्राप्त ज्ञान को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रशिक्षण के दौरान, रिसोर्स पर्सन के रूप में उपस्थित एडवोकेट नेहा धुदानी ने दो महत्वपूर्ण कानूनी ढांचे- किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल व संरक्षण) कानून और सिगरेट तथा अन्य तंबाकू उत्पाद कानून (सीओटीपीए) पर एक विस्तृत सत्र आयोजित किया। उन्होंने किशोर न्याय कानून की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, प्रमुख परिभाषाओं और उद्देश्यों पर एक विस्तृत प्रस्तुति देते हुए कानून के क्रियान्वयन में चुनौतियों पर जोर दिया। उन्होंने इसके प्रवर्तन को मजबूत करने के लिए व्यावहारिक सुझाव दिए और बाल अधिकारों की रक्षा में पुलिस अधिकारियों के कर्तव्यों पर जोर दिया।
इसके अलावा, सीओटीपीए, 2003 का संक्षिप्त अवलोकन प्रदान किया गया, जिसमें तंबाकू के उपयोग को रोकने और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा में इसके महत्व पर प्रकाश डाला गया।
वहीं, रिसोर्स पर्सन एडवोकेट मेघांजलि तमांग के नेतृत्व में सत्र के दूसरे भाग में उन्होंने एनडीपीएस एक्ट और सिक्किम एंटी-ड्रग्स एक्ट (एसएडीए) पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। इसमें उन्होंने इन दोनों कानूनों का गहन अवलोकन प्रदान करते हुए इनके उद्देश्यों, कानूनी प्रावधानों और नशीली दवाओं के दुरुपयोग और तस्करी को नियंत्रित करने और मुकाबला करने के लिए स्थापित तंत्रों पर प्रकाश डाला।
इसके अलावा, उन्होंने एनडीपीएस कानून के दायरे और अनुप्रयोग को समझाया और एसएडीए पर भी जोर देते हुए जिले में इसकी प्रासंगिकता के बारे में बताया। उनके साथ, जिला बाल संरक्षण इकाई की कानूनी सह परिवीक्षा अधिकारी एरोमीना लेप्चा ने एसजेपीयू के “संयुक्त कार्य योजना, एक युद्ध नशे के विरुद्ध” के उद्देश्य से अवगत कराया।
प्रशिक्षण में डीएसपी (मुख्यालय) विकास बसनेत, नयाबाजार थाना के एसएचओ जिग्मी डब्लू भूटिया, सोरेंग एसएचओ सांता गुरुंग, सोम्बारिया पीआई सोवित खत्री एवं कई अन्य अधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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