sidebar advertisement

जांच रिपोर्ट में खुलासा: जहर से नहीं हुई माफिया Mukhtar Ansari की मौत

बांदा (एजेन्सी) । कई सालों तक जेल में रहे माफिया मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर परिजनों ने आरोप लगाए थे कि अंसारी को जहर देकर मारा गया है।स्वजन ने खाने में जहर मिलाकर खिलाने से मौत होने का आरोप लगाया था। बैरक में मिले गुड़, चना और नमक में जहर नहीं पाया गया है। सच्चाई जानने के लिए राज्य सरकार ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए। अब जांच रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया है कि मुख्तार अंसारी की मौत जहर से नहीं बल्कि हार्ट अटैक से हुई है।

डीएम ने जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। मंडल कारागार की तन्हाई बैरक में बंद माफिया मुख्तार अंसारी 28 मार्च की शाम चक्कर खाकर गिर गया था। रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज ले जाते समय उसकी मौत हो गई थी। बेटे उमर अंसारी ने जेल प्रशासन पर जहर खिलाकर मारने का आरोप लगाया था। दूसरे दिन 29 मार्च को एसजीपीजीआइ लखनऊ से आए डॉ. सत्येंद्र कुमार तिवारी सहित पांच डाक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम किया था। इसमें हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि हुई थी। पंचनामा में मुख्तार के बेटे उमर ने लिखा था कि पिता की मौत स्वाभाविक नहीं है। संदेह जताने पर न्यायिक और मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए गए थे।

घटना के 90 दिन पहले तक के सीसी फुटेज भी देखे गए। जिस बेड में माफिया का अस्पताल में शव था। उसकी भी जांच की गई है। इलाज के दौरान जो दवाएं मुख्तार को दी गई थीं, उन सभी की जांच कराई गई है। एडीएम ने बताया कि जहर देने का शक जाहिर करने वालों को बयान देने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं आए। इसलिए जांच रिपोर्ट तैयार होने में पांच माह से ज्यादा का समय लग गया। मजिस्ट्रियल जांच एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार कर रहे थे। एडीएम ने 10 दिन पहले रिपोर्ट डीएम नगेंद्र प्रताप को सौंपी। इसमें बताया है कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ की रिपोर्ट में भी बैरक में मिले सामान में जहर नहीं मिला है। जांच में मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों समेत मुख्तार की बैरक के सुरक्षा कर्मियों, इलाज और पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों, जेल अफसरों सहित करीब 100 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए गए।

#anugamini

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sidebar advertisement

National News

Politics