नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज चौथे अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में शामिल हुए। उन्होंने इस सम्मेलन में हिन्दी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच प्रतिस्पर्धा नहीं है। अमित शाह ने हिन्दी को सभी क्षेत्रीय भाषाओं का दोस्त बताया। उन्होंने कहा कि हिन्दी और सभी क्षेत्रीय भाषा एक-दूसरे के पूरक हैं।
अमित शाह ने कहा कि कई लोगों का कहना है कि हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच प्रतिस्पर्धा है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच प्रतिस्पर्धा नहीं है, क्योंकि हिन्दी सभी क्षेत्रीय भाषाओं की दोस्त है। हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाएं एक दूसरे के पूरक हैं। हमने फैसला किया कि हम हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच संबंधों को मजबूत बनाएंगे। प्रत्येक लेख, भाषण या साहित्यिक कृति जो हिन्दी में है, उन सभी का अनुवाद क्षेत्रीय भाषाओं में किया जाएगा और इसके विपरीत क्षेत्रीय भाषाओं का अनुवाद हिन्दी में होगा। मुझे लगता है कि यह समय की मांग है।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों से दुनिया को हिन्दी में संबोधित कर हिन्दी के प्रति स्वीकार्यता बढ़ाई है। उन्होंने आगे कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र को हिन्दी में संबोधित किया था तो पूरी दुनिया आश्चर्यचकित हो गई थी। आज हम संयुक्त राष्ट्र की भाषा और 10 से अधिक देशों की दूसरी प्रमुख भाषा बन गए हैं। हिन्दी अब अंतरराष्ट्रीय भाषा बनने की राह में है।
बता दें कि इससे पहले अमित शाह ने आज हिन्दी दिवस के मौके पर खास संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमारे सभी राज्यों की भाषाओं के लिए हिन्दी बहुत महत्वपूर्ण है। पिछले 10 वर्षों में पीएम मोदी के नेतृत्व में हिन्दी और स्थानीय भाषाओं को मजबूत करने के लिए काफी काम किया गया है। एजेन्सी
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