लखनऊ, 20 सितम्बर (एजेन्सी)। सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार ने नई संसद में पहले दिन से ही असत्य से अपनी शुरुआत की है। जब जनगणना और परिसीमन के बिना महिला आरक्षण बिल लागू हो ही नहीं सकता है और इस प्रक्रिया में वर्षों लग जाएंगे तो भाजपा सरकार को इस तरह की आपाधापी में महिलाओं से झूठ बोलने की क्या जरूरत है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार की मंशा महिलाओं को आरक्षण देने की नहीं है। वह सिर्फ चुनावी जुमले के तहत महिला आरक्षण के नाम पर धोखा दे रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार न जनगणना के पक्ष में है और न ही जातीय जनगणना के। इसके बिना महिला आरक्षण संभव ही नहीं है। ये आधा-अधूरा बिल महिला आरक्षण जैसे गंभीर विषय का उपहास है। इसका जवाब महिलाएं आगामी लोकसभा चुनाव में जरूर देंगी। भाजपा सरकार महिला आरक्षण को लेकर कभी ईमानदार नहीं रही है।
अखिलेश ने जारी बयान में कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल और अभी तक हुए चुनावों में भाजपा ने अपने यहां 33 प्रतिशत आरक्षण क्यों नहीं दिया। उन्होंने फिर दोहराया कि वर्तमान महिला आरक्षण बिल में लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन नहीं है। समाजवादी पार्टी की नीति रही है कि महिला आरक्षण में पिछड़े, दलित, मुस्लिम, अल्पसंख्यक, आदिवासी समाज की महिलाओं का निश्चित प्रतिशत होना चाहिए।
ये आधा-अधूरा बिल ‘महिला आरक्षण’ जैसे गंभीर विषय का उपहास है, इसका जवाब महिलाएं आगामी चुनावों में भाजपा के विरूद्ध वोट डालकर देंगी।
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सपा-बसपा ने बिल में ओबीसी और एससी-एसटी समाज की महिलाओं के लिए कोटा की मांग की है। यह बिल राज्यसभा में पास हो चुका था लोकसभा में बिल को मंगलवार को मंजूरी दी गई। हालांकि, इसमें कई पेंच हैं जिससे इसका कार्यान्वित होना चुनौतीपूर्ण बताया जा रहा है।
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