गंगटोक : सिक्किम सरकार के विद्युत विभाग की ओर से बुधवार को सलाहकार संजीत खरेल की अध्यक्षता में समन्वय बैठक आयोजित की गई। बैठक में विद्युत विभाग के प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें विद्युत विभाग के सचिव विकास देवकोटा, प्रधान मुख्य अभियंता (पीसीई) सोनम रिनछेन भूटिया, टीटी भूटिया, सुनील राई, मुख्य अभियंता (सीई), सहायक मुख्य अभियंता (एसीई), उप अभियंता (डीई), सहायक अभियंता (एई), कनिष्ठ अभियंता (जेई) और प्रशासन खंड के अधिकारी शामिल थे।
बैठक का प्राथमिक उद्देश्य चल रही परियोजनाओं और योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना तथा उनका प्रभावी कार्यान्वयन और निगरानी सुनिश्चित करना था। प्रत्येक नोडल अधिकारी ने अपने-अपने खंड पर संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य के लक्ष्यों का उल्लेख किया गया। उपसचिव भाईचुंग सेंगा ने विभाग के भीतर प्रशासनिक गतिविधियों और चुनौतियों पर अद्यतन जानकारी प्रदान की। विलम्ब को कम करने और सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए कुशल संचालन और सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रमुख मुख्य अभियंता भूटिया ने राजस्व अनुभाग की उपलब्धियों पर रिपोर्ट दी। प्रस्तुति के बाद एक विशेष अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें राजस्व लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस मान्यता ने वित्तीय स्थिरता के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता को उजागर किया। प्रमुख मुख्य अभियंता सुनील राई ने चल रही व्यापक योजनाओं का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया तथा राज्य में विद्युत वितरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने में उनकी महत्ता पर बल दिया।
मुख्य अभियंता श्रीमती शोवा थापा ने बैठक में ट्रेडिंग और राज्य लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) की परिचालन स्थिति के बारे में जानकारी दी। राज्य के बिजली व्यापार तंत्र को बढ़ाने और इष्टतम लोड प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की रूपरेखा बताई। मुख्य अभियंता सोनम छिरिंग भूटिया ने आरडीएसएस के कार्यान्वयन की प्रगति प्रस्तुत की, जिसका उद्देश्य विद्युत वितरण प्रणाली की समग्र दक्षता में सुधार लाना तथा स्थायी विद्युत वितरण सुनिश्चित करना है।
अधीक्षण अभियंता प्रणय कार्की ने एशियाई विकास बैंक द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं पर अद्यतन जानकारी प्रदान की तथा बताया कि ये योजनाएं विद्युत अवसंरचना के आधुनिकीकरण एवं विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। मुख्य अभियंता पेम्बा लेप्चा ने राज्य के वितरण नेटवर्क को स्वचालित करने के लिए चल रहे प्रयासों की प्रस्तुति दी, जिससे मैन्युअल हस्तक्षेप में काफी कमी आएगी और सिस्टम की विश्वसनीयता में सुधार होगा। लेखा निदेशक सीएन शेरपा ने विभाग के वित्तीय प्रबंधन पर अद्यतन जानकारी दी तथा सभी योजनाओं और परियोजनाओं की सफलता सुनिश्चित करने के लिए उचित निधि आवंटन और उपयोग के महत्व पर बल दिया।
विद्युत विभाग के सचिव विकास देवकोटा ने विभाग की नैतिकता और कार्य संस्कृति पर ध्यान केंद्रित करते हुए बैठक को संबोधित किया। उन्होंने जिम्मेदारियों के निष्पादन में व्यावसायिकता और ईमानदारी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी कर्मचारियों को नैतिकता के उच्चतम मानकों का पालन करना चाहिए, सभी लेन-देन में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए तथा जनता को समय पर सेवाएं प्रदान करनी चाहिए।
देवकोटा ने ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी प्रगति और सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए विभाग के कार्यबल के निरंतर प्रशिक्षण और विकास के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने चल रही परियोजनाओं में शामिल सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की तथा चालू वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में टीम की क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया। हालांकि, उन्होंने सभी से चुनौतियों से निपटने में सतर्क और सक्रिय रहने तथा विभाग के लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहने का आग्रह किया।
सलाहकार संजीत खरेल ने एक प्रभावशाली भाषण दिया, जिसने बैठक की दिशा निर्धारित की तथा विभाग की कार्यप्रणाली और भविष्य की दिशा के कई प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया। उनके भाषण का उद्देश्य सिक्किम के लोगों को निर्बाध, कुशल और टिकाऊ बिजली सेवाएं प्रदान करने के विभाग के मिशन को मजबूत करना था। श्री खरेल ने अपने संबोधन की शुरुआत समय की पाबंदी और सेवा प्रदान करने के प्रति प्रतिबद्धता के महत्व पर जोर देकर की। उन्होंने परियोजना समयसीमा में देरी पर असंतोष व्यक्त किया तथा प्रत्येक कर्मचारी से जिम्मेदारी और अनुशासन की भावना प्रदर्शित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समय की पाबंदी व्यावसायिकता की ओर पहला कदम है। हममें से प्रत्येक को अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए तथा समय पर कार्य पूरा करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारी सेवाएं अनावश्यक व्यवधानों के बिना प्रदान की जाएं।
खरेल ने विद्युत विभाग में प्रशासनिक दक्षता में सुधार की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुचारू संचालन के लिए फाइलों का उचित प्रबंधन और ट्रैकिंग आवश्यक है। हमने ऐसे उदाहरण देखे हैं, जहां फाइलें गुम हो गईं या देरी हो गई, जिससे अनावश्यक परेशानी हुई। उन्होंने सभी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अधिक संगठित दृष्टिकोण अपनाएं तथा उचित ट्रैकिंग प्रणाली अपनाएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी महत्वपूर्ण फाइल छूट न जाए। श्री खरेल द्वारा उठाए गए प्रमुख बिंदुओं में से एक लाइनमैनों और फील्ड कर्मचारियों की सुरक्षा थी, जो चुनौतीपूर्ण और कभी-कभी खतरनाक परिस्थितियों में काम करते हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि श्रमिकों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि उनकी भलाई को प्राथमिकता दी जाए। हमारे लाइनमैन और फील्ड कर्मचारी हमारे परिचालन की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता और जब वे क्षेत्र में अपना कर्तव्य निभा रहे हों तो हमें उनकी सुरक्षा के लिए हरसंभव उपाय करना चाहिए। सलाहकार ने बिजली कटौती, नवीकरणीय ऊर्जा पहल और समुदाय में बिजली विभाग की भूमिका के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर भी चर्चा की।
उन्होंने जनता के साथ अधिक से अधिक संवाद की आवश्यकता पर बल दिया तथा अधिकारियों से समुदायों के साथ जुड़ने तथा उन्हें विद्युत व्यवधानों के कारणों तथा नवीकरणीय ऊर्जा योजनाओं के लाभों के बारे में जानकारी देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि असंतोष को कम करने के लिए जन जागरूकता बहुत ज़रूरी है। आइए हम सिक्किम के लोगों को अक्षय ऊर्जा और बिजली संरक्षण में उनकी भूमिका के बारे में शिक्षित करें। श्री खरेल ने इस अवसर पर नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता तथा एसआरईडीए (सिक्किम नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी) द्वारा प्रवर्तित नवीन योजनाओं के क्रियान्वयन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी अधिकारियों को नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां सौर और जलविद्युत ऊर्जा उत्पादन की संभावनाएं काफी अधिक हैं।
उन्होंने कहा कि हमें अपने गांवों में नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता का दोहन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर घर को इन स्थायी समाधानों से लाभ मिले। अपने संबोधन में श्री खरेल ने सभी स्तरों पर जवाबदेही और पारदर्शिता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विशेष रूप से बताया कि विभागीय इंजीनियरों (डीई) को बिलिंग और मीटरिंग प्रथाओं के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, जो सीधे राजस्व सृजन को प्रभावित करते हैं। विभाग की वित्तीय सेहत के लिए सटीक मीटरिंग और बिलिंग बहुत ज़रूरी है। डीई को इस काम की पूरी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर ग्राहक को उचित और सही तरीके से बिल भेजा जाए।
खरेल ने राजस्व बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया तथा यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि विभिन्न परियोजनाओं के लिए आवंटित धनराशि का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निधि के उपयोग में किसी भी प्रकार की देरी का योजनाओं की सफलता पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि चालू परियोजनाओं के लिए आवंटित धनराशि जुलाई के अंत तक उपयोग कर ली जाए। इसमें देरी की कोई गुंजाइश नहीं है और सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे इन लक्ष्यों को बिना चूके पूरा करें।
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