गंगटोक । सिक्किम से लोकसभा सांसद Indra Hang Subba ने आज राजधानी दिल्ली में केंद्रीय जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री Durgadas Uikey से मुलाकात कर सिक्किम की अनुसूचित जनजातियों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे और लिम्बू-तमांग सीट आरक्षण पर चर्चा की और उनसे इसमें हस्तक्षेप का आग्रह किया।
सांसद कार्यालय से इसकी जानकारी देते हुए कहा गया है कि जनसंख्या के हिसाब से देश के सबसे छोटे राज्यों में शुमार होने के बावजूद सिक्किम अपनी विविध और सामंजस्यपूर्ण समुदायों के साथ एक समृद्ध राज्य है। इनमें लेप्चा, भूटिया, लिम्बू और तमांग को अनुसूचित जनजातियों के रूप में मान्यता प्राप्त है। सिक्किम सरकार इन समुदायों की समृद्ध परंपराओं और रीति-रिवाजों की रक्षा और संवर्धन के उद्देश्य से जनजातीय संस्कृति को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
ऐसे में, केंद्रीय जनजातीय मंत्री से चर्चा के दौरान सांसद इंद्र हांग सुब्बा न उन्हें सिक्किम विधानसभा में लिम्बू और तमांग समुदायों के लिए सीट आरक्षण के लंबित मुद्दे के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मंत्री को अवगत कराते हुए कहा कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के रूप में इन समुदायों की आधिकारिक मान्यता के बावजूद, इन्हें अभी तक सीट आरक्षण आवंटित नहीं मिला है, जिसके वे हकदार हैं।
इसके अलावा, बैठक में 12 समुदायों की दुर्दशा पर भी प्रकाश डाला गया, जिन्हें उनकी विशिष्ट आदिवासी जीवन शैली और विशेषताओं के बावजूद अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल नहीं किया गया है। इन समुदायों का लगातार बाहर रखना उनके उचित दावों के प्रति घोर अन्याय और उपेक्षा को दर्शाता है। इसके तहत, सांसद सुब्बा ने इस बात पर भी जोर दिया कि उपर्युक्त दोनों मुद्दों को सिक्किम के विभिन्न सांसदों द्वारा लोकसभा और राज्यसभा दोनों में लगातार संसद में उठाया गया है।
इन मुद्दों के अलावा, सांसद ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष सिक्किम की जनजातियों की जीवंत और अद्वितीय सांस्कृतिक विरासत पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राज्य में पारंपरिक बांस से लेकर वस्त्र हस्तशिल्प और अनूठी भाषाओं तक, इन समुदायों के पास एक अमूल्य सांस्कृतिक विरासत है जो संरक्षण और उन्नति की हकदार है। इसकी रक्षा करने हेतु पर्याप्त धन की आवश्यकता बतायी।
इन चर्चाओं के आलोक में इंद्र हांग सुब्बा ने लिम्बू-तमांग समुदायों के लिए सीट आरक्षण और अनुसूचित जनजातियों की सूची में 12 छूटे हुए समुदायों को शामिल करने के मुद्दों को हल करने के लिए मंत्री से व्यक्तिगत हस्तक्षेप और समर्थन का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री के समर्थन से सिक्किम सरकार हमारे अनुसूचित जनजातियों की पारंपरिक संस्कृतियों, कलाओं और रीति-रिवाजों को समृद्ध, संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए और समक्ष होगी।
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