दार्जिलिंग । गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (GTA) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनित थापा का कहना है कि वर्तमान में भाजपा नेताओं द्वारा पृथक उत्तर बंगाल का जो मुद्दा गरमाया गया है, उससे गोरखाओं को कोई फायदा नहीं होने वाला है। थापा के अनुसार, गोरखाओं के अपने मुद्दे हैं और इसके समाधान की बजाय भाजपा उत्तर बंगाल के मुद्दे पर फिर से पहाड़ों में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही है।
जीटीए प्रमुख ने आज कहा कि गोरखाओं द्वारा 15 सालों तक भाजपा की मदद करने के बावजूद वे हमें और भी ज्यादा धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, केंद्र में सरकार भाजपा की है और इसी पार्टी के सांसद अपनी सरकार से मांग कर रहे हैं। देने वाली सरकार से बार-बार मांगने की जरूरत नहीं होती। वास्तविकता यह है कि भाजपा ने पहाड़ में षड्यंत्र रचते हुए 15 वर्ष बिता दिया, लेकिन अभी तक हमें कुछ नहीं दिया है। जब तक भाजपा है, गोरखाओं को कुछ नहीं मिलने वाला है।
थापा ने गोरखाओं को भाजपा सरकार से कोई उम्मीद न रखने की बात कहते हुए कहा कि हम उनके लिए सिर्फ वोट बैंक हैं। 2017 से हम काफी संघर्ष के बाद पहाड़ में शांति वापस लाए हैं। हमने ऐसा माहौल बनाया है जहां आपको किसी से डरने की जरूरत नहीं है। जब तक हम हैं, पहाड़ बंद नहीं होगा। गोरखा जाति को अपनी मांग रखनी होगी। लेकिन मांग की आड़ में पहाड़ में दहशत का माहौल पैदा करने की साजिश हो रही है। उन्होंने कहा कि अब गोरखाओं को झुकना नहीं चाहिए। भाजपा सिर्फ पहाड़ में अशांति फैलाने की कोशिश कर रही है। उत्तर बंगाल हमारी चाहत और अभिलाषा नहीं है। गोरखाओं के अपने मुद्दे हैं। हमारी अपनी आकांक्षाएं हैं।
इसके साथ ही गोरखाओं को सावधान रहने की हिदायत देते हुए अनित थापा ने कहा कि भाजपा के एक नेता उत्तर बंगाल की बात करते हैं तो दूसरे नेता शुभेंदु अधिकारी कहते हैं कि बंगाल का कभी बंटवारा नहीं होगा। दरअसल, भाजपा अभी भी गोरखाओं को मूर्ख और आलसी समझती है। ऐसे में हमें जागरूक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहीद दिवस के दिन भी शहीद के नाम पर पहाड़ बंद करने का प्रयास किया गया। लेकिन सुवास घीसिंग से लेकर विमल गुरूंग के समय तक शहीद दिवस पर बंद का आह्वान नहीं हुआ। हमारे समय में भी बंद नहीं हुआ न होगा। शहीद के नाम में जनता को दुख देने व आतंकित नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने गोरखाओं को ध्वंस की ओर नहीं, बल्कि निर्माण की ओर लगने का आह्वान करते हुए कहा कि पहाड़ में कभी भी बंद और अशांति नहीं होनी चाहिए।
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