नामची । महिला सुरक्षा, सशक्तिकरण और संरक्षण हेतु महिला व बाल विकास विभाग के तहत जिला महिला सशक्तिकरण केन्द्र द्वारा “संकल्प: महिला केन्द्रित विषय पर जागरुकता” विषय पर एक 100 दिवसीय जागरुकता अभियान आज स्थानीय तिमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में तिमी नामफिंग की पंचायत अध्यक्ष बिनीता बिष्ट मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। उनके अलावा, यहां सीडीपीओ लक्ष्मण तमांग, अतिरिञ्चत पोषण निदेशक सोफिया लेप्चा, पोषण निरीक्षक समजना तमांग, तेमी स्वास्थ्य विभाग की डॉ. कमला परियार, संरक्षण अधिकारी मेघा प्रधान, अन्य अधिकारी एवं स्कूल के शिक्षक व छात्र उपस्थित थे।
इस अवसर पर नामची सीडीपीओ लक्ष्मण तमांग ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए हर बालिका के जन्म लेने के मौलिक अधिकार को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि यह योजना न केवल लिंग आधारित गर्भपात की रोकथाम को संबोधित करती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि हर बालिका को शिक्षा मिले। शिक्षा के माध्यम से लैंगिक समानता को बढ़ावा देकर, बीबीबीपी योजना एक ऐसे समाज को बढ़ावा देना चाहती है, जहां लड़कियों को महत्व दिया जाता है और उन्हें सफल होने के समान अवसर दिए जाते हैं।
वहीं, संरक्षण अधिकारी मेघा प्रधान ने पॉक्सो कानून के बारे में जानकारी देते हुए यौन उत्पीड़न और इसके तहत कवर किए गए विभिन्न अपराधों पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने दुष्कर्म के मनोवैज्ञानिक प्रभावों, झूठी रिपोर्ट के मुद्दे और कम उम्र में शादी और किशोरावस्था में गर्भधारण के गंभीर परिणामों पर प्रकाश डाला। उनके साथ तिमी स्वास्थ्य विभाग की डॉ कमला परियार ने 1994 के गर्भाधान पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक कानून पर बात की, जिसका उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना और घटते लिंग अनुपात को संबोधित करना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अधिनियम में लिंग चयन और भ्रूण के लिंग निर्धारण पर रोक है। इसके अलावा, कार्यक्रम में पोषण निरीक्षक सम्झना तमांग, हथकरघा व हस्तशिल्प निदेशालय की सुशांता सुब्बा, कल्याण निरीक्षक सुश्री पुष्पा राई समेत अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे।
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