नई दिल्ली (ईएमएस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े से जुड़े एक वायरल वीडियो का हवाला देते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष किया और प्रश्न किया कि ये पांच करोड़ रुपये किसके ‘सेफ’ से निकला है तथा जनता का पैसा लूटकर किसने टेम्पो में भेजा है। बहुजन विकास आघाडी के नेता हितेंद्र ठाकुर ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर मंगलवार को आरोप लगाया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावडे ने पालघर जिले के एक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं को पैसे बांटे हैं।
भाजपा ने हालांकि, आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ठाकुर का दावा प्रचार का हथकंडा मात्र है तथा महा विकास आघाडी (एमवीए) हार को भांपकर ये आरोप लगा रहा है। तावडे और बीवीए नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के बीच टकराव का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 20 नवंबर को होगा और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर तावड़े से संबंधित वीडियो को लेकर पोस्ट किया, मोदी जी, यह 5 करोड़ किसके ‘सेफ’ से निकला है? जनता का पैसा लूटकर आपको किसने टेम्पो में भेजा? उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ वाले हालिया बयान की ओर इशारा करते हुए यह तंज कसा। कांग्रेस प्रवक्ता और सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया मंचों पर वायरल एक वीडियो का हवाला देते हुए यह भी कहा कि मतदान से एक दिन पहले प्रकाश में आए इस गंभीर विषय पर चुनाव आयोग मूकदर्शक बने नहीं रह सकता।
सुप्रिया ने कहा, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े खुलेआम पैसे बांटने एक होटल में पहुंचे थे। उनके पास से पांच करोड़ रुपये नकद बरामद हुए हैं। इसके साथ ही उनके पास एक डायरी मिली है, जिसमें 15 करोड़ रुपये का लेखा-जोखा है। उन्होंने सवाल किया, ये पैसा चुनाव के महज कुछ घंटे पहले क्यों बांटा जा रहा है? नियम कहता है कि चुनाव प्रचार थम जाने के बाद कोई भी किसी दूसरे चुनावी इलाके में नहीं रह सकता, ऐसे में विनोद तावड़े विरार इलाके में क्या कर रहे थे? उन्होंने कहा कि यह महाराष्ट्र के स्वाभिमान का अपमान हो रहा है।
सुप्रिया ने एक अन्य मामले का उल्लेख करते हुए दावा किया कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने महाराष्ट्र में विभिन्न परियोजनाओं से जुड़े खर्च का सच राज्य की जनता से छिपाया है। उन्होंने दावा किया, 9 अक्टूबर, 2023 को कैग मुख्यालय दिल्ली ने आदेश दिया कि महाराष्ट्र में निष्पादन ऑडिट (पीए), राज्य विशिष्ट अनुपालन ऑडिट (एसएससीए) और विषयगत ऑडिट (टीए) रोक दिए जाए। इस आदेश में ये भी कहा गया कि ऑडिट करने वाले फील्ड ऑफिसर अन्य तरह के ऑडिट में लगा दिए जाए। उन्होंने कहा, कैग पर केंद्र और राज्य सरकारों के सारे खर्चे और आमदनी को ऑडिट करने की जिम्मेदारी है। लेकिन इस संस्था ने महाराष्ट्र की जनता से सच छिपाया है।
सुप्रिया ने आरोप लगाया कि कैग ने महाराष्ट्र की जनता से यह अधिकार छीन लिया कि वो जान सके उनका पैसा किन परियोजनाओं में खर्च हुआ, कहां और कैसे खर्च हुआ, कहां कितनी धांधली हुई, किसने कितने घोटाले किए और किन परियोजनाओं में हेराफेरी हुई। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र की जनता को ये सब जानने का हक था, लेकिन कैग ने सच पर पर्दा डाल दिया। ये संस्था अब सरकार के इशारों पर काम कर रही है।
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