तिरुवनंतपुरम, 27 फरवरी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केरल के तिरुवनंतपुरम में पहुंचे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) का दौरा किया। मौके पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, राज्य मंत्री मुरलीधरन और इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ भी मौजूद रहे।
पीएम मोदी ने स्पेस सेक्टर को बढ़ावा देने वाली तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया। ये प्रोजेक्ट्स सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा में पीएसएलवी एकीकरण सुविधा, महेंद्रगिरि के इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में नई ‘सेमी-क्रायोजेनिक्स इंटीग्रेटेड इंजन और स्टेज टेस्ट सुविधा और वीएसएससी तिरुवनंतपुरम में ‘ट्राइसोनिक विंड टनल’ हैं। इन्हें तैयार करने में करीब 1800 करोड़ रुपये लागत आई है।
पीएम ने गगनयान मिशन द्वारा अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के नामों का एलान किया। ये अंतरिक्ष यात्री प्रशांत बालाकृष्णण नायर, अजीत कृष्णण, अंगद प्रताप और शुभांशु शुक्ला हैं। पीएम ने अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस विंग दिया। बता दें, गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है, जिसके लिए इसरो के विभिन्न केंद्रों में व्यापक तैयारियां चल रही हैं।
तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि हर कोई हमारे साहसिक अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खड़े होकर तालियां बजाएं।’ तालियों के साथ ही पीएम ने भारत माता की जय के नारे लगाए।
उन्होंने कहा, ‘हम सभी आज एक ऐतिहासिक सफर के साक्षी बन रहे हैं। अब से कुछ देर पहले देश पहली बार अपने चार गगनयान यात्रियों से परिचित हुआ। ये सिर्फ चार नाम और चार इंसान नहीं हैं, ये 140 करोड़ आकांक्षाओं को स्पेस में ले जाने वाली चार शक्तियां हैं। 40 वर्ष के बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाने वाला है। लेकिन इस बार टाइम भी हमारा है, काउंटडाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे ये जानकर बहुत अच्छा लगा कि गगनयान में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर उपकरण ‘मेड इन इंडिया’ है। ये कितना बड़ा संयोग है कि जब भारत दुनिया की टॉप तीन इकोनॉमी बनने के लिए उड़ान भर रहा है, उसी समय भारत का गगनयान भी हमारे अंतरिक्ष सेक्टर को एक नई बुलंदी पर ले जाने वाला है।’
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे अंतरिक्ष सेक्टर में महिला शक्ति को बहुत महत्व दिया जा रहा है। चंद्रयान हो या गगनयान, महिला वैज्ञानिकों के बिना ऐसे किसी भी मिशन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का भारत, विकसित होता हुआ भारत, आज दुनिया को अपने सामर्थ्य से चौंका रहा है। पिछले 10 वर्षों में हमने लगभग 400 सेटेलाइट लॉन्च किए हैं, जबकि इससे पहले के 10 वर्षों में मात्र 33 सेटेलाइट लॉन्च किए गए थे।
पीएम मोदी ने कहा, 2035 तक अंतरिक्ष में भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा, जो हमें अंतरिक्ष के अज्ञात विस्तार का अध्ययन करने में मदद करेगा। अमृत काल की इस अवधि में, भारतीय अंतरिक्ष यात्री हमारे अपने रॉकेट के जरिए चंद्रमा की सतह पर उतरेंगे।
गगनयान मिशन पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रदान किए गए पूर्ण समर्थन और संरक्षण के साथ, आज यह संभव है कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में नेतृत्व कर रहा है, क्योंकि पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है जबकि गगनयान भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने की तैयारी करता है। (एजेन्सी)
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