सर्वप्रथम देश, फिर कुछ और : सीएम योगी

'आपात स्थिति में नागरिकों को निभाने होंगे अपने कर्तव्य'

लखनऊ (ईएमएस)। ऑपरेशन सिंदूर आतंकियों को करारा जवाब है। जिन्होंने भारत की बहन बेटियों का सिंदूर छेड़ने की कोशिश की, उन्हें अपना खानदान खोना पड़ा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी में मॉक ड्रिल कार्यक्रम के दौरान नागरिक सुरक्षा की तैयारियों का जायजा लेते हुए ये बातें कहीं। सीएम ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश की सेना की बहन-बेटियों के प्रति संवेदना का प्रतीक है। सेना के पराक्रम को जनता का भी पूरा समर्थन है। उन्होंने पहलगाम हमले पर सेना की कार्रवाई को निर्णायक बताया। सीएम बोले, देश की आन-बान और शान के साथ किसी को खिलवाड़ नहीं करने देंगे। देश सर्वप्रथम है। भारत माता के खिलाफ जिन्होंने साजिश रची है उन्हें इसका परिणाम भुगतना होगा।

सीएम योगी ने कहा कि भारत माता के खिलाफ जो भी साजिश रचेगा, उसे परिणाम भुगतना होगा। सेना की कार्रवाई का पूर्ण समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि गांव, शहर और मोहल्लों में जब भी सुरक्षा से जुड़ा मामला सामने आएगा, तब सबसे पहले देश की चिंता की जाएगी।

सीएम योगी ने कहा कि केवल एनसीसी, होमगार्ड या स्काउट नहीं, बल्कि आम नागरिकों को भी सुरक्षा एजेंसियों के साथ जुड़ना होगा। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपने कर्तव्यों को समझें और देश की सुरक्षा में सहभागी बनें।

मुख्यमंत्री योगी ने पहलगाम की आतंकी घटना के जवाब में की गई सैन्य कार्रवाई के लिए तीनों सेनाओं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री और केंद्रीय मंत्रिमंडल को उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से बधाई दी। उन्होंने पहलगाम में शहीद हुए लोगों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की।

सीएम योगी ने नागरिक सुरक्षा से जुड़ी सभी एजेंसियों के साथ व्यक्तिगत तौर पर बातचीत कर उनकी तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ऐसे मॉक ड्रिल्स से आम जनता को आपात स्थितियों में सही कदम उठाने की जानकारी मिलती है, जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।

लखनऊ के रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित मॉक ड्रिल में सीएम योगी आदित्यनाथ ने भारत माता के जयकारों से शुरुआत की। एनडीआरएफ द्वारा जैसे ही मॉक ड्रिल शुरू की गई, सायरन बजने लगा। दुश्मन की एयर स्ट्राइक से बचने के लिए ब्लैकआउट किया गया, नागरिकों ने सुरक्षित स्थानों की शरण ली।

दूसरे सायरन के साथ जब खतरा समाप्त हुआ, तब घायलों का प्राथमिक उपचार किया गया। फायर, चिकित्सा कर्मियों और रेस्क्यू टीमों ने घायलों की मदद की। नागरिकों को ध्वस्त ढांचे से बचाने और केमिकल हमले से निपटने के उपाय भी सिखाए गए।

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