नई दिल्ली । दिल्ली में दो दिवसीय ‘नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटजीज कॉन्फ्रेंस-2024’ के अंतिम दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस महानिदेशकों से नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने और पीड़ितों के लिए जल्द और समय पर न्याय सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया।
देश के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अब यह जरूरी है कि मादक पदार्थ, शरारतपूर्ण मकसद से उड़ाए गए ड्रोन और ऑनलाइन धोखाधड़ी सहित उभरती राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों की पहचान की जाए और बड़ी चुनौतियां बनने से पहले ही उनसे निपटाया जाए। केंद्रीय गृहमंत्री की यह टिप्पणी मणिपुर में ड्रोन का उपयोग करके नागरिकों पर हमलों के कुछ दिनों बाद आई है। इस हमले के कारण अशांत पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा फिर से भड़क गई है।
गृह मंत्री ने आतंकवाद-रोधी ढांचे को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण और राज्यों के आतंकवाद रोधी दस्तों के बीच सहयोग और समन्वय बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि जम्मू-कश्मीर, वाम उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों और पूर्वोत्तर में लंबे समय से चली आ रही राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को हल करने में पर्याप्त प्रगति हुई है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नए कानूनों का परिवर्तनकारी प्रभाव केवल मानसिकता में बदलाव, प्रौद्योगिकी को अपनाने और निर्बाध समन्वय से ही प्राप्त किया जा सकता है। अमित शाह ने नए कानूनों का बेहतर तरीके से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस महानिदेशकों को युवा पुलिस अधिकारियों की टीम गठित करने का निर्देश दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने युवा पुलिस अधिकारियों से क्रिप्टो से लेकर हवाला तक धोखाधड़ी वाले वित्तीय लेनदेन से निपटने के लिए रणनीतिक समाधान के लिए सोच विकसित करने की अपील की। अमित शाह ने सभी पुलिस महानिदेशकों से बहुआयामी दृष्टिकोण, डेटा विश्लेषण और नई तकनीकों को अपनाकर आंतरिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने का भी आग्रह किया। एजेन्सी
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