गंगटोक । पिछले साल अक्टूबर में तीस्ता नदी में आई बाढ़ के बाद से सिक्किम की लाइफ लाइन कहे जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-10 के बार-बार बंद होने से पर्यटन क्षेत्र को 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सिक्किम के अलावा पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के कालिम्पोंग और आसपास के इलाकों में भी यह सड़क बार-बार बंद होने से पर्यटन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
ऐसे में, विश्व पर्यटन दिवस के करीब आने के साथ ही पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोग एवं हितधारक तीस्ता नदी की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जो क्षेत्र के पर्यटन उद्योग को बनाए रखने में बेहद महत्वपूर्ण है। इसी कड़ी में हिमालयन हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म डेवलपमेंट नेटवर्क (एचएचटीडीएन) ने पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक जीवन शक्ति के बीच अंतर्संबंध पर जोर देने के लिए “तीस्ता बचाओ-एनएच 10 बचाओ-पर्यटन बचाओ” का नारा अपनाया है।
इसमें शामिल संगठनों के अनुसार, एनएच-10 के लगातार बंद होने से सिक्किम, कालिम्पोंग और आसपास के इलाकों के लोकप्रिय स्थलों की यात्रा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इससे पर्यटकों की बुकिंग भी घट कर 35-40 प्रतिशत तक गिर गई है। एचएचटीडीएन के सचिव सम्राट सान्याल ने कहा, हमारे लिए पर्यटन क्षेत्र में टिकना मुश्किल हो गया है। एनएच-10 के बार-बार बंद होने से न केवल सिक्किम बल्कि पश्चिम बंगाल भी प्रभावित हो रहा है। इसका असर पर्यटन और संबंधित क्षेत्रों पर निर्भर आजीविका पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि इसके स्थायी समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन, राज्य और केंद्र सरकारों से बार-बार अपील के बावजूद इसे काफी हद तक नजरअंदाज कर दिया गया है। ऐसे में, हमने आगामी विश्व पर्यटन दिवस के दौरान इन मुद्दों के बारे में जागरुकता बढ़ाने का फैसला किया है।
सान्याल के अनुसार, एचएचटीडीएन 27 सितंबर को सिलीगुड़ी के बाघाजतिन पार्क से मैनाक टूरिस्ट लॉज तक एक रैली निकालने के साथ ही जंक्शन से सुकना तक विकलांग बच्चों के लिए एक विशेष टॉय ट्रेन जॉयराइड सहित कई कार्यक्रम आयोजित करेगा। उसी दिन शाम को छठे हिमालयन हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म अवार्ड्स समारोह आयोजित होगा।
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