गंगटोक । हिमालयी राज्य सिक्किम में सितम्बर के आखिरी में आश्चर्यजनक रूप से गरमी का प्रकोप दिख रहा है। बीते 23 सितम्बर को गंगटोक में 26.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो 1998 के बाद से सितम्बर महीने में सबसे अधिक तापमान है। 1998 में गंगटोक में अब तक का सबसे अधिक 27.1 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया था।
हालांकि, गंगटोक स्थित भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने पुष्टि की है कि 1969 के बाद से यह सबसे गर्म सितम्बर है। इसी साल से आईएमडी ने राज्य में तापमान रिकॉर्ड करना शुरू किया था।
आईएमडी गंगटोक के प्रमुख गोपीनाथ राहा ने बताया कि पूरे सितम्बर महीने में, खासकर पिछले सप्ताह, तापमान में सामान्य के मुकाबले 3 से 6 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। राहा ने बताया, हमारे पास 1969 से डेटा है और अगर हम इसकी तुलना 2024 से करें, तो यह वास्तव में राज्य के दर्ज इतिहास में सबसे गर्म सितम्बर है। इस महीने का औसत तापमान 24 डिग्री सेल्सियस था, जो सितम्बर में कभी नहीं देखा गया।
सितम्बर में 11 दिन ऐसे रहे हैं जब राज्य की राजधानी में तापमान 25 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। 6 से 13 सितम्बर तक तापमान लगातार 24 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा, 18 से 23 सितम्बर तक भी यही प्रवृत्ति देखी गई। वहीं, गंगटोक से लगभग 1500 फीट नीचे स्थित तादोंग में 21 सितम्बर को 33.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो सितम्बर में इसका उच्चतम तापमान था।
गौरतलब है कि तापमान में यह असामान्य वृद्धि है, जिसका असर न केवल गंगटोक बल्कि राज्य के अन्य हिस्सों पर भी पड़ा है। आईएमडी गंगटोक कार्यालय के अनुसार, पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग की पहाडिय़ों में भी असामान्य रूप से अधिक तापमान दर्ज किया गया है। 21 सितम्बर को दार्जिलिंग शहर में 28.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। हालांकि, बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती सक्रियता के कारण कुछ क्षेत्रों में गरज के साथ बारिश की संभावना से 24 सितम्बर से तापमान में गिरावट का अनुमान है। इससे राहत मिलने की उम्मीद है।
मौसम विभाग के अनुसार, सिक्किम में मानसून आमतौर पर मई के अंत में शुरू होकर 30 सितम्बर तक जारी रहता है। वहीं, शुष्क मौसम में पश्चिमी विक्षोभ के कारण राज्य में गैर-मानसूनी वर्षा भी होती है। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ भी उत्तरी गोलार्ध की ओर बढ़ने लगा है। राहा ने बताया, हाल के वर्षों में जून में बहुत कम बारिश हुई है। लेकिन इस साल, पूरे महीने बारिश हुई और जुलाई में सामान्य से 18 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। मानसून के पहले दो महीनों में सामान्य की तुलना में 66 प्रतिशत तक अधिक बारिश हुई है। हालांकि, जुलाई के बाद, बारिश में कमी आई है और इस साल कुल मिलाकर केवल 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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