दार्जिलिंग । यदि डीटीए और आईटीए 20 सितंबर तक पूजा बोनस पर बैठक नहीं करते हैं, तो पर्वतीय श्रमिक संगठन संगठन मंच ने हिल्स बंद करने की चेतावनी दी है।
मंच ने कहा कि यह एक सर्वविदित तथ्य है कि दशहरा के दौरान पहाड़ी चाय बागान मालिक अपनी गरीबी का प्रदर्शन करते हैं और चाय श्रमिकों को दिए जाने वाले पूजा बोनस के प्रतिशत में धोखाधड़ी करते हैं। ये सालों से चलता आ रहा है। अपना 20 प्रतिशत पूजा बोनस पाने के लिए चाय श्रमिकों को धरना, जुलूस और आंदोलन करना पड़ता है। यह बहुत ही दुखद और शर्मनाक घटनाक्रम है जो कई वर्षों से चला आ रहा है।
ज्ञात हो कि पहाड़ी चाय श्रमिकों से जुड़े संगठन एक किस्त में पूरे 20 फीसदी पूजा बोनस की मांग कर रहे हैं और पहल भी कर रहे हैं। श्रमिक नेता सूरज सुब्बा ने कहा कि इस तरह की पहल को जारी रखते हुए शहर के जज बाजार स्थित सीपीआई (एम) कार्यालय में पूर्वी श्रमिक संगठन समन्वय मंच की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई और डीटीए के पूजा बोनस से संबंधित उत्तर पत्र पर गंभीर चर्चा की गई। संगठन ने एक कड़ा फैसला लेने का निर्णय लिया है।
समन्वय मंच की बैठक में सूरज सुब्बा, डीके गुरुंग, भरत ठाकुरी समेत पहाड़ के अन्य श्रमिक नेता मौजूद थे। दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बाद श्रमिक नेता सूरज सुब्बा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की बैठक विशेष रूप से पहाड़ी चाय श्रमिकों के लिए पूजा बोनस के मुद्दे पर आयोजित की गयी थी। उनके अनुसार, उन्होंने पूजा बोनस के संबंध में कुछ हफ्ते पहले दार्जिलिंग टी एसोसिएशन को पत्र लिखा था, डीटीए और आईटीए ने 3 सितंबर को हुई बैठक में यह स्पष्ट कर दिया था कि वे 8.33 प्रतिशत से अधिक पूजा बोनस नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह पूजा बोनस के इतिहास का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन है।
सुब्बा ने कहा कि डीटीए और आईटीए से ऐसा पत्र मिलने के बाद हमने पहाड़ के सभी श्रमिक संगठनों के साथ मिलकर पर्वतीय श्रमिक संगठन समन्वय मंच का गठन किया और 10 सितंबर को डीटीए और आईटीए के अधिकारियों को पत्र लिखा। उस पत्र में हमने पूजा बोनस के मुद्दे पर चर्चा के लिए दो-चार दिनों के भीतर बैठक बुलाने की मांग की थी, लेकिन बैठक नहीं बुलाए जाने के कारण हमने आज इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पर्वतीय श्रमिक संगठन समन्वय मंच की बैठक बुलाई है। उन्होंने आगे कहा, पूजा बोनस को लेकर सीसीपीए और आईटीए ने तराई में दो-दो बैठकें की हैं और 18 और 19 सितंबर को दोबारा बैठक होगी, लेकिन पहाड़ों में डीटीए और आईटीए 8.33 प्रतिशत की बात कर बैठक को रोकने की कोशिश कर रहे हैं । हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
उन्होंने आज की बैठक में कहा कि अगर डीटीए और आईटीए 20 सितंबर तक पूजा बोनस के मुद्दे पर बैठक नहीं करते हैं तो वे 20 सितंबर को पहाड़ बंद आंदोलन करने को बाध्य होंगे। मजदूर नेता सुब्बा ने कहा कि आज की बैठक में कल मंगलवार से पहाड़ी चाय बागानों में गेट मीटिंग और रेडीमेड चाय के पैकेट बंद करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यह आंदोलन एक सामान्य रूप है और आने वाले दिनों में भयानक आंदोलन होगा।
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