कजान (ईएमएस) । रूस के कजान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक समुदाय के सामने शांति, सहयोग और संवाद का एक महत्वपूर्ण संदेश प्रस्तुत किया। इस सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अध्यक्षता में हुआ, जहां पीएम मोदी ने पहले विस्तारित ब्रिक्स परिवार के रूप में एकत्रित होने पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने पुतिन का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन करने के लिए उनके प्रयासों की सराहना करते हैं।
पीएम मोदी ने सम्मेलन के दौरान कहा कि आज की बैठक उस समय हो रही है जब विश्व कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि युद्ध, संघर्ष, आर्थिक अस्थिरता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी समस्याएँ विश्व को घेर चुकी हैं। इस संदर्भ में, उन्होंने ब्रिक्स के महत्व को उजागर किया और कहा कि यह एक ऐसा मंच है जो सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ इन चुनौतियों का समाधान कर सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने महंगाई, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, और जल सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि ये सभी विषय सभी देशों के लिए प्राथमिकता के रूप में उभर रहे हैं। इसके साथ ही, तकनीकी युग में नई चुनौतियों जैसे साइबर सुरक्षा, फेक न्यूज और डीप फेक के बारे में भी चर्चा की गई। पीएम ने सुझाव दिया कि ब्रिक्स को एक समावेशी और विविध प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करना चाहिए, जिससे सभी देशों के हितों का ध्यान रखा जा सके।
प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि भारत युद्ध नहीं, बल्कि डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थक है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में जिस तरह हमने कोविड-19 जैसी वैश्विक चुनौती का सामना किया, उसी तरह हमें भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा। पीएम ने जोर देकर कहा कि हमारे प्रयासों का लक्ष्य भावी पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करना होना चाहिए।
आतंकवाद और टेरर फंडिंग पर पीएम मोदी ने कहा कि इस मुद्दे पर सभी देशों को एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि इस गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने युवा पीढ़ी में कट्टरता को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के लंबित मुद्दे पर मिलकर काम करने का आह्वान किया गया।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत नए देशों का ब्रिक्स पार्टनर बनने के लिए तैयार है, लेकिन सभी निर्णय सर्वसम्मति से होने चाहिए। उन्होंने जोहानिसबर्ग समिट में जो गाइडिंग प्रिंसिपल्स, मानक और प्रक्रियाएँ अपनाई गई थीं, उनके पालन की आवश्यकता पर बल दिया। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी सदस्य और पार्टनर देश उन मानकों का सम्मान करें।
पीएम मोदी ने ब्रिक्स को एक ऐसा संगठन बताया जो समय के अनुसार खुद को बदलने की इच्छा शक्ति रखता है। उन्होंने वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स को उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में सुधार के लिए एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए।
सम्मेलन के दौरान, पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से भी मुलाकात की। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने भारत-रूस के ऐतिहासिक संबंधों को एक नई दिशा देने पर चर्चा की। पुतिन ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हैं।
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