गंगटोक : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर आज स्थानीय चिंतन भवन में राज्य स्तरीय उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। सिक्किम इंस्पायर्स, राज्य योजना एवं विकास विभाग द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महिला एवं बाल विकास मंत्री साम्दुप लेप्चा के अलावा विधानसभा उपाध्यक्ष राजकुमारी थापा, विधायक सह महिला एवं बाल विकास सलाहकार पामिना लेप्चा, जीएमसी डिप्टी मेयर छिेरिंग पाल्देन, मुख्य सचिव आर तेलंग, कार्मिक सचिव रिनजिंग छेवांग भूटिया, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण उप महानिदेशक डॉ सुदर्शन मंडल, विश्व स्वास्थ्य संगठन डीईओ डॉ. पुष्पा चौधरी, आरएमएनसीएएच की टीम लीड डॉ पुष्पा चौधरी एवं अन्य उपस्थित थे।
इस अवसर पर मंत्री साम्दुप लेप्चा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी असाधारण महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए इस बात पर जोर दिया कि समाज के सभी वर्गों की महिलाएं अपने अमूल्य योगदान के लिए समान अवसर, सम्मान और मान्यता की हकदार हैं। माताओं, बेटियों, बहनों और पत्नियों के रूप में महिलाओं द्वारा निभाई जाने वाली बहुमुखी भूमिकाओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने दूसरों की भलाई के लिए उनके द्वारा किए जाने वाले त्याग को स्वीकार किया। साथ ही, उन्होंने कहा कि अब सही मायने में लैंगिक समानता की दिशा में प्रयासों को तेज करने का समय आ गया है, जहां हर महिला के साथ जीवन के सभी क्षेत्रों में निष्पक्षता और सम्मान के साथ व्यवहार किया जाए।
मंत्री ने दुनिया भर में लैंगिक समानता की वकालत करने वाले आंदोलनों की बढ़ती संख्या का जिक्र करते हुए बताया कि सिक्किम ने राजनीतिक सुधारों और राज्य के नेतृत्व वाली पहलों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण में उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन लैंगिक असमानताएं अभी भी मौजूद हैं और इसके लिए निरंतर कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने हिंसा से प्रभावित महिलाओं की सहायता हेतु वन-स्टॉप सेंटर सहित विभिन्न पहलों के माध्यम से महिलाओं के लिए वित्तीय स्वतंत्रता और सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने महिलाओं की भलाई सुनिश्चित करने में प्रयासों के लिए समाज कल्याण विभाग और अन्य सरकारी निकायों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जागरूकता कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने के लिए ज्ञान और संसाधनों से लैस किया जा रहा है।
इसके साथ ही सिक्किम में घटती प्रजनन दर पर चर्चा के बारे में उन्होंने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने के लिए आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने स्वीकार किया कि राज्य गंभीर जनसांख्यिकीय चुनौतियों का सामना कर रहा है और सूचित नीतियों, स्वास्थ्य सेवा पहुंच और सामाजिक समर्थन के माध्यम से प्रजनन संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए सभी से एक ऐसे भविष्य के निर्माण में मिलकर काम करने का आग्रह किया, जहां महिलाओं को महत्व दिया जाए, उनकी सुरक्षा की जाए और उन्हें आगे बढ़ने का हर अवसर दिया जाए।
वहीं, विधानसभा उपाध्यक्ष राज कुमारी थापा राज्य बनने के 50 वर्ष पूरे करने के अवसर पर इस आयोजन को सम्मान और अधिक महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह महिलाओं की ताकत का जश्न है, लेकिन राज्य प्रजनन दर में गिरावट की चुनौती को भी स्वीकार करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मुद्दे को केवल महिलाओं पर बोझ के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे एक सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में देखा जाना चाहिए, जिसके लिए जागरुकता और कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने, “मातृत्व का पुनर्आविष्कार: माताओं को उनके बचपन के शौक और रुचियों से जोड़ना” विषय के साथ, रेखांकित किया कि यह महिलाओं को न केवल देखभाल करने वालों के रूप में, बल्कि सपनों, प्रतिभाओं और आकांक्षाओं वाले व्यक्तियों के रूप में समग्र रूप से समर्थन देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
साथ ही, श्रीमती थापा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने कई महिला-केंद्रित पहल शुरू की हैं, जिन्होंने पूरे राज्य में जीवन को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि इन पहलों ने अनगिनत महिलाओं को सशक्त बनाकर उनकी आकांक्षाओं का समर्थन किया है और समाज में उनकी भूमिका को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं महिला नेतृत्व के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के प्रमाण हैं।
विधायक पामिना लेप्चा ने भी महिला सशक्तिकरण, उनकी गरिमा को बनाए रखने और समाज में उनके उचित स्थान को सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह अवसर न केवल पिछली उपलब्धियों का प्रतिबिंब है, बल्कि सिक्किम में हर महिला के लिए अधिक अवसरों, सुरक्षा और सम्मान से भरा भविष्य बनाने के लिए कार्रवाई का आह्वान भी है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सिक्किम ने स्थानीय शासन में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण और अधिक राजनीतिक प्रतिनिधित्व, आर्थिक अवसर और शिक्षा तक समान पहुंच के साथ लैंगिक समानता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
कार्यक्रम में अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव आर तेलंग ने कहा कि सिक्किम राज्य गठन की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर हमारा यह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 समारोह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। एक ऐसा मील का पत्थर जो राज्य की प्रगति की यात्रा और लोगों की अटूट दृढ़ता को दर्शाता है। उन्होंने समाज में महिलाओं की भूमिका को पहचानते हुए कहा कि महिलाएं दूरदर्शी, नेता और परिवर्तनकर्ता होती हैं, फिर भी मां और देखभाल करने वाली के रूप में अपनी भूमिकाएं निभाने में, उनके सपने, जुनून और आकांक्षाएं अक्सर पीछे छूट जाती हैं।
मुख्य सचिव ने भी राज्य की उभरती जनसांख्यिकीय चुनौतियों के बारे में सबसे कम कुल प्रजनन दर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसमें अपेक्षाओं को थोपने के बजाय सहायक नीतियों की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, शिक्षा और रोजगार में समान अवसरों के लिए लिंग-संवेदनशील नीतियों को बढ़ावा देने, स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और प्रगतिशील समाधानों के साथ जनसांख्यिकीय चुनौतियों का समाधान करते हुए हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ है।
कार्यक्रम का समापन सिक्किम इंस्पायर्स के संयुक्त सचिव स्वभाव गुरुंग के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। कार्यक्रम में तकनीकी सत्र भी शामिल रहा, जिसमें “जनसांख्यिकीय चुनौतियों के बीच सिक्किम की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना: बहु-क्षेत्रीय नीति और कार्यक्रम हस्तक्षेप की आवश्यकता” और ‘व्यापक प्रजनन स्वास्थ्य सेवा’ जैसे विषयों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के प्रमुख, मुख्यमंत्री के प्रेस सचिव यूगेन तमांग, देश के विभिन्न भागों से आए पैनलिस्ट और विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक एवं विद्यार्थी भी उपस्थित थे।
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