गेजिंग । मानेबुंग देंताम विधानसभा के अंतर्गत सांगखु रादुखंडू जीपीयू के भालूखोप खंडू डांडा गांव में लाली गुराश संस्कृति संरक्षण समाज की पहल पर विगत 3 अक्टूबर को शुरू हुआ तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आज विभिन्न गतिविधियों के बीच समापन हो गया।
समापन कार्यक्रम में विधायक एवं राज्य के पर्यटन व नागरिक उड्डयन सलाहकार सुदेश कुमार सुब्बा मुख्य अतिथि थे। उनके अलावा इसमें जिला पंचायत उपाध्यक्ष अनिता राई, देंताम महकमा अधिकारी एनके कार्की, पर्यटन विकास अध्यक्ष आरबी बिष्ट और संगठन के विभिन्न प्रतिनिधि मौजूद थे। इस अवसर पर आयोजन समिति की ओर से विद्यायक सुब्बा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
यहां अपने संबोधन में मुख्य अतिथि सुदेश कुमार सुब्बा ने लोक संस्कृति को पर्यटन से जोडक़र आय अर्जित करने का जरिया बताते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने क्षेत्र के विकास में काफी सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री के निर्देशन में हमें पर्यटन क्षेत्र में काफी काम करने का मौका मिला है। साथ ही, ऐसे कार्यक्रम के आयोजन हेतु लाली गुराश संस्कृत संरक्षण समाज की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि लोक संस्कृति की सुरक्षा हेतु इस तरह का नया कार्यक्रम आयोजित कर संगठन ने एक मिसाल कायम की है।
विधायक सुब्बा ने आगे कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटकों की सुविधा के लिए एक होमस्टे का निर्माण किया गया है और कई अन्य सुविधाएं भी प्रदान करने का वादा किया गया है। उन्होंने कहा, पर्यटकों को यहां के खान-पान, रीति-रिवाज और लोक संस्कृति से जोडऩे के लिए आयोजित किया गया यह कार्यक्रम अद्भुत है। उन्होंने अपने क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास का भी जिक्र किया।
इससे पहले, कार्यक्रम संरक्षक गंगा राम पौड्याल ने अपने स्वागत भाषण में कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारी संस्कृति एवं परंपराओं के विकास एवं संरक्षण के माध्यम से भावी पीढि़यों को शिक्षित करना और अपनी समृद्ध परंपराओं और विरासत को पर्यटन आकर्षण बनाना है।
कार्यक्रम के दौरान लोक संस्कृति, लोक वाद्य यंत्र वादन के साथ परंपरागत एवं कई लुप्तप्राय लोक नृत्यों की प्रस्तुतियां भी हुईं। कार्यक्रम के आरंभ से पूर्व मुख्य अतिथि द्वारा पूजा मंडप में स्थापित मां नवदुर्गा की पूजा-अर्चना की गयी। वहीं, समाज द्वारा स्थापित पारंपरिक स्टालों में परंपरागत खान-पान का भी लोगों एवं अतिथियों ने आनंद उठाया। प्रतियोगिताओं के विजेताओं का चयन दार्जिलिंग से आए अतिथि एवं वरिष्ठ संगीत कलाकार चंदन लामज्याल ने किया। उन्होंने कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति भी दी। सभी प्रतियोगियों को स्मृति चिन्ह के साथ नकद पुरस्कार भी दिए गए।
गौरतलब है कि वर्तमान में यह संगठन प्लास्टिक मुक्त गांव बनाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। खासकर इस क्षेत्र में समाज की पहल पर गांव को प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
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