गंगटोक । सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आज केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान, सारनाथ-वाराणसी परिसर का दौरा किया। इस अवसर पर राज्यपाल से केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान सारनाथ में अध्ययनरत सिक्किम के छात्रों ने मुलाकात की जिस पर उन्होंने अत्यंत प्रसन्नता जाहिर की।
राज्यपाल ने कहा कि अपनी मेहनत, लगन एवं समर्पण से छात्र अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें एवं हमारे राज्य का नाम रोशन करें। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। इस दौरान सिक्किम के छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए एवं कई विषयों पर चर्चा की।
अपने संबोधन में भगवान बुद्ध की शिक्षाओं की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाएं आज के परिदृश्य में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं क्योंकि वे हमें व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से एक खुशहाल और पूर्ण जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन देती हैं। भगवान बुद्ध द्वारा दिखाया गया मार्ग तब भी प्रासंगिक था, अब भी प्रासंगिक है और आने वाले समय में भी प्रासंगिक रहेगा।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि कैसे भगवान बुद्ध की शिक्षाएं प्रकाश की किरण के रूप में काम करती हैं और शांति, प्रेम, सद्भाव तथा करुणा की दिशा का मार्ग प्रशस्त करती हैं। उन्होंने अहिंसा और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर भगवान बुद्ध की शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए हुए ऐसी जीवनशैली को अपनाने के महत्व पर जोर दिया, जो प्रकृति का सम्मान करती है।
इसके अलावा, उन्होंने भगवान बुद्ध के सिद्धांतों और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा जिस तरह भगवान बुद्ध का जीवन हमेशा शांति, सद्भाव, करुणा एवं मानवता पर आधारित था, उसी तरह हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली ने भी इसे अपनाया है। भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली के मूलभूत सिद्धांत एवं भगवान बुद्ध की शिक्षाएं एक दूसरे से मेल खाते हैं। इस कार्यक्रम में संस्थान के कुलपति वांगचुक दोरजी नेगी, रजिस्ट्रार सुनीता चंद्रा, संकाय सदस्य एवं छात्रों की उपस्थिति रही।
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