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राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति ने की विशेष बैठक

वित्तीय समावेशन एवं वित्तीय साक्षरता पहल पर हुई चर्चा

गंगटोक । सिक्किम के लिए 80वीं राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की जून 2024 को समाप्त तिमाही के लिए और 30 जून को वित्तीय समावेशन एवं वित्तीय साक्षरता पहल पर एक विशेष बैठक आज यहां एक स्थानीय होटल में आयोजित की गई। बैठक में वित्त, राजस्व और व्यय विभाग के सचिव एमसीपी प्रधान, आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक थोटनगाम जामंग, एसएलबीसी संयोजक सह एसबीआई कोलकाता सर्कल के जीएम नंद किशोर सिंह, नाबार्ड जीएम अजय कुमार सिन्हा, एसबीआई डीजीएम वीरेंद्र सिंह के अलावा अन्य अधिकारीगण शामिल हुए।

कार्यक्रम में मुख्य रुप से वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सिक्किम के लिए वार्षिक ऋण योजना का उद्घाटन किया गया। एसीपी ने नाबार्ड के राज्य फोकस पेपर 2024-25 के आधार पर कृषि क्षेत्र को आवंटित 477 करोड़ के साथ 1374 करोड़ का कुल ऋण लक्ष्य निर्धारित किया है। बैठक में एसएलबीसी के मुख्य प्रबंधक गदाधर राय ने अपनी प्रस्तुति में जून 2024 को समाप्त तिमाही के लिए एसीपी के तहत बैंकों की प्रगति की समीक्षा करते हुए सिक्किम के लिए ऋण जमा अनुपात जैसे प्रमुख संकेतकों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, पीएम-स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंड-अप इंडिया और स्वयं सहायता समूहों तथा प्राथमिकता क्षेत्र आवास वित्त को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलों सहित कई प्रमुख राष्ट्रीय वित्तीय योजनाओं की रूपरेखा भी प्रस्तुत की।

इस अवसर पर नाबार्ड जीएम अजय कुमार सिन्हा ने कृषि के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में इसकी घटती हिस्सेदारी के बावजूद यह आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण बनी हुई है। उन्होंने संयुक्त देयता समूहों और किसान उत्पादक संगठनों जैसे वित्तपोषण तंत्रों पर चर्चा करते हुए डेयरी, बागवानी और जैविक खेती जैसे संबद्ध क्षेत्रों में क्षमता पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने एमएसएमई के महत्वपूर्ण योगदान और एसएचजी के माध्यम से वित्तीय समावेशन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राज्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।

वहीं, RBI क्षेत्रीय निदेशक थोटनगाम जामंग ने सिक्किम में बैंकिंग क्षेत्र में हुई प्रगति के साथ ही वित्त वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 की पहली तिमाही के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सरकार, बैंकों और अन्य हितधारकों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने क्षेत्र के वित्तीय माहौल की प्रशंसा की, भविष्य की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए बैठक में लिए गए निर्णयों के निरंतर अनुपालन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सभी क्षेत्रों के वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया और आगे की चर्चाओं की अपेक्षा की।

इससे पहले, एसएलबीसी संयोजक नंद किशोर सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में सिक्किम में आर्थिक विकास को गति देने में बैंकिंग संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और सभी शाखाओं से राज्य भर में वित्तीय विकास को बढ़ाने में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया। इस दौरान, बैंक अधिकारियों के साथ एक चर्चा सत्र भी हुआ, जिसमें उन्होंने सक्रिय रूप से पर अपने विचार रखे। इस दौरान, बातचीत में राज्य सरकारी विभागों के प्रमुखों और नोडल अधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किए और विभिन्न केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के सक्रिय कार्यान्वयन और सक्रिय ग्राहक सेवा के बारे में अपनी राय रखी। जामंग ने राज्य सरकार और सिक्किम के लोगों द्वारा बैंकरों को दिए गए बेहतरीन माहौल और भरोसे की सराहना की। राज्य भर में 27 बैंक, 197 शाखाएं और 241 एटीएम हैं। उन्होंने कहा कि बैंकरों और लाभार्थियों के बीच की खाई को पाटने के लिए एक संयुक्त कार्यशाला आयोजित की जाएगी।

एमसीपी प्रधान ने अपने संबोधन में वित्तीय स्वास्थ्य और पूंजी बाजारों की दक्षता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की तुलना में सिक्किम में उच्च ऋण जमा अनुपात की ओर इशारा किया। उन्होंने ग्रामीण आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए बैंकों से, खासकर छोटे-मोटे कर्जदारों के लिए वित्तीय साक्षरता और सेवा की गुणवत्ता को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। इसके अलावा, उन्होंने क्षेत्रीय असमानताओं को बेहतर ढंग से दूर करने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ऋण-जमा अनुपात के अलग-अलग माप का भी सुझाव दिया।

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