सोरेंग : पुलिस बल और आम नागरिकों के बीच विश्वास, सुरक्षा और आपसी समझ को बढ़ावा देने की दिशा में सिक्किम पुलिस द्वारा आज सोरेंग पीएम श्री गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में “बिल्डिंग बॉन्ड्स” पहल के तहत एक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया।
कार्यक्रम में सिक्किम के पुलिस महानिदेशक अक्षय सचदेव की विशेष उपस्थिति रही। डीजीपी के साथ जिला पुलिस अधीक्षक नहकुल प्रधान, एडीसी-2 संतोष कुमार आले, एएसपी परशुराम शर्मा, एसडीपीओ छेवांग दोरजी भूटिया, स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ पीबी छेत्री और एसएचओ मौजूद थे।
इस अवसर पर बोलते हुए डीजीपी अक्षय सचदेव (Akshay Sachdeva) ने इस पहल के मुख्य उद्देश्य को रेखांकित करते हुए पुलिस और समुदाय के बीच विश्वास और आपसी समझ बनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सहयोग और खुला संवाद जरूरी है।
इस दौरान, डीजीपी कानून-व्यवस्था से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर बात की। उन्होंने ट्रैफिक सुरक्षा से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर बात करते हुए नागरिकों से दुर्घटनाओं को रोकने और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सडक़ नियमों का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया। साथ ही, उन्होंने ट्रैफिक उल्लंघनों के कानूनी परिणामों के बारे में बताया और इस बात पर जोर दिया कि सडक़ों पर जिम्मेदार व्यवहार एक साझा ज़िम्मेदारी है।
वहीं, साइबर अपराध के बढ़ते खतरे पर डीजीपी ने डिजिटल अरेस्ट, वॉयस क्लोनिंग, सेक्सटॉर्शन और ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी जैसे विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन खतरों के बारे में शिक्षित किया। उन्होंने जनता से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने का आग्रह किया। आपात स्थिति में जनता के उपयोग के लिए आधिकारिक साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 भी साझा किया गया।
कार्यक्रम सत्र को संवादात्मक और प्रभावशाली बनाने के लिए उपस्थित लोगों द्वारा स्वेच्छा से की गई भूमिका निभाने वाली गतिविधियों की एक श्रृंखला शामिल थी। ये गतिविधियां जनता और पुलिस दोनों के नैतिक आचरण और पारस्परिक जवाबदेही के महत्व को उजागर करने के लिए डिजाइन की गई थीं।
जिला पुलिस, वायरलेस एवं दूरसंचार, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं और विशेष शाखा सहित विभिन्न इकाइयों के अधिकारियों और कर्मियों के साथ एक विशेष सत्र भी आयोजित किया गया। सत्र के दौरान, डीजीपी ने शारीरिक फिटनेस और प्रभावी पुलिसिंग पर जोर देते हुए सभी कर्मियों के लिए दैनिक शारीरिक प्रशिक्षण अनिवार्य किया।
इसके अलावा, डीजीपी ने हाल ही में लागू किए गए नए आपराधिक कानूनों पर भी बात की और सभी अधिकारियों के लिए नए कानूनी प्रावधानों से अपडेट और अच्छी तरह वाकिफ रहने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस बल की विश्वसनीयता और क्षमता बनाए रखने के लिए कानूनी जागरुकता बेहद जरूरी है। इससे पहले, एसपी नहकुल प्रधान के स्वागत भाषण से कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जिसमें उन्होंने “बिल्डिंग बॉन्ड्स” आउटरीच कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का समापन एएसपी परशुराम शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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