गंगटोक । सिक्किम के 49वें राज्य दिवस को भारतीय संघ के 22वें राज्य के रूप में गठन की स्मृति में गुरुवार को गंगटोक के चिंतन भवन में एक समारोह में मनाया गया। इस कार्यक्रम में सिक्किम के राज्यपाल श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) भी उपस्थित थे। इस अवसर पर सिक्किम विधानसभा के अध्यक्ष श्री अरुण कुमार उप्रेती, कैबिनेट मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा सांसद, विधायक, जिला अध्यक्ष, उपाध्याय, महापौर, उप महापौर, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्त मुख्य सचिव, सचिव, राज्य सरकार के अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति की भी मौजूदगी रही।
समारोह की शुरुआत चिंतन भवन परिसर में सिक्किम के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय पद्म विभूषण श्री एलडी काजी की प्रतिमा पर गणमान्य व्यक्तियों द्वारा माल्यार्पण और खादा अर्पित करने के साथ हुई। सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने अपने संबोधन में भारत के 22वें राज्य के रूप में 49 वर्ष पूरे होने के महत्वपूर्ण अवसर पर सिक्किम के लोगों को बधाई दी। उन्होंने सिक्किम की उल्लेखनीय यात्रा की सराहना की तथा विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी विकास प्रयासों के माध्यम से एक अत्यधिक प्रगतिशील राज्य के रूप में इसके परिवर्तन पर प्रकाश डाला। सिक्किम के समृद्ध इतिहास पर विचार करते हुए राज्यपाल ने इसके विविध पहलुओं पर प्रकाश डाला तथा पिछले कुछ वर्षों में राज्य के विकास को रेखांकित किया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सिक्किम की क्षमताओं पर प्रकाश डाला तथा सरकार की उपलब्धियों और प्रगति पर विचार करने के लिए राज्य दिवस समारोह के महत्व पर बल दिया।
मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) ने अपने संबोधन में सिक्किम की प्रगति को भारत के सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक बताया तथा उद्यमिता विकास, कृषि, पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में विकास के अवसरों को इसका श्रेय दिया। इसके अलावा, उन्होंने राज्य सरकार द्वारा अभूतपूर्व विकास के लिए शुरू की गई विभिन्न पहलों पर चर्चा की, जिनमें “मेरो रुख मेरो संतति” जैसे कार्यक्रम और महिला-केंद्रित पहल शामिल हैं। उन्होंने स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सरकारी नीतियों और विकासात्मक प्रयासों पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने राज्य की उपलब्धियों के लिए सरकारी कर्मचारियों, पूर्व राजनीतिक हस्तियों, नौकरशाहों और सिक्किम के लोगों के समर्पण, समर्थन और प्रतिबद्धता के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने सभी से सिक्किम के 50वें राज्यत्व दिवस, स्वर्ण जयंती या स्वर्ण जयंती के भव्य समारोह की तैयारी करने का भी आग्रह किया।
अपने स्वागत भाषण में मुख्य सचिव वीबी पाठक ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 49वें राज्य दिवस समारोह को चिंतन का क्षण तथा सिक्किम के लोगों की विशिष्ट पहचान के उत्सव के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि सिक्किम के विभिन्न समुदायों के बीच निर्बाध सद्भाव, शांति और सौहार्द की भूमि के रूप में इसकी प्रतिष्ठा में योगदान देता है। इसके अलावा, उन्होंने भारत के सबसे युवा राज्यों में से एक होने के बावजूद विभिन्न क्षेत्रों में सिक्किम की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला। इन प्रगतियों में आर्थिक समावेशिता, बुनियादी ढांचे का विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जैविक खेती, पर्यटन, साथ ही महिला एवं युवा विकास शामिल हैं। उन्होंने सिक्किम की उपलब्धियों पर जोर दिया, जिसमें बहु गरीबी सूचकांक में चौथा सबसे निचला राज्य होना, ऋण के मुकाबले वित्तीय ऋण का कम अनुपात, सिक्किम को भारत के शीर्ष तीन राज्यों में शामिल करना शामिल है।
समारोह में श्री सत्य साईं प्रशांति विद्या मंदिर, सिच्छे के विद्यार्थियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार, एनचे मोनैस्टिक स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा मंत्रोच्चार तथा ईपीसीएस, गंगटोक द्वारा भजनों का गायन भी किया गया। इसके बाद मॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल और देवराली गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों ने देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी। इसके अतिरिक्त, स्यारी स्थित विकलांग बच्चों के लिए विशेष स्कूल तथा सिचेय स्थित श्रवण बाधित बच्चों के लिए विशेष स्कूल के बच्चों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान राजभवन द्वारा लिखित पुस्तक ‘हाम्रो संकल्प: विकसित भारत पुष्पित सिक्किम’ का भी विमोचन किया गया। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा ‘स्टेटहुड सिम्फनी : नियरिंग द गोल्डन जुबली’ शीर्षक से एक संक्षिप्त वृत्तचित्र प्रदर्शित किया गया। इसके अतिरिक्त, राजभवन द्वारा निर्मित ‘सिक्किम: जहां प्रकृति मुस्कान से मिलती है’ शीर्षक वाला एक वीडियो भी दिखाया गया। आईपीआर विभाग की सचिव सुश्री कर्मा डी यूत्सो ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
#anugamini #sikkim
No Comments: