सिलीगुड़ी । उत्तर बंगाल के पहाड़ी इलाकों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी इन दिनों पेयजल संकट से लोग परेशान हैं। राज्य सिंचाई विभाग द्वारा मानसून से पहले तीस्ता नहर की मरम्मत का काम शुरू करने के कारण सिलीगुड़ी में बीते शुक्रवार से ही जल आपूर्ति प्रभावित हुई है।
सूत्रों ने बताया कि मरम्मत कार्य पूरा होने में कम से कम पंद्रह दिन लगेंगे। ऐसे में स्थिति को संभालने के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम और राज्य पीएचई विभाग ने लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक योजनाएं बनाईं हैं।
इसी तरह, पहाड़ पर कालिम्पोंग और कर्सियांग शहरों में भी गर्मी और कम वर्षा के कारण जल संकट पैदा हो गया है। इसके कारण इन पहाड़ी स्थानों के लोग पीने का पानी खरीद रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि प्राकृतिक स्रोतों के सूखने के कारण ही यह समस्या उत्पन्न हुई है।
कालिम्पोंग के लोग पानी की आपूर्ति के लिए स्थानीय जल स्रोत बागधारा पर निर्भर हैं, जो शहर के वार्ड 12 से होकर बहती है। हालांकि, इन दिनों इसका पानी स्थानीय निवासियों की मांग को पूरा करने के लिए अपर्याप्त साबित हो रहा है।
कालिम्पोंग के दिनेश सुब्बा नामक एक निवासी ने कहा, इन दिनों हमें हर चार या पांच दिन में एक बार बमुश्किल 40 मिनट के लिए पानी की आपूर्ति की जाती है। इसलिए, हमें एक हजार लीटर के लिए लगभग 350 रुपये का भुगतान करके पानी खरीदना पड़ता है।
वहीं, कालिम्पोंग नगरपालिका के प्रशासक बोर्ड के अध्यक्ष रवि प्रधान ने स्वीकार किया कि शुष्क गर्मी के कारण शहर में पानी की कमी है। उन्होंने कहा कि स्थानीय नगर निकाय संकट से निपटने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, हमारे पास रेली नदी पर बुनियादी ढांचा तैयार है जहां से कुछ साल पहले भी पानी पंप कर नागरिकों में वितरित किया जाता था। हम पंपिंग स्टेशन को पुनर्जीवित करने के लिए उस स्थान पर एक ट्रांसफार्मर स्थापित करेंगे। एक बार जब यह काम करना शुरू कर देगा, तो हम नागरिक क्षेत्र में वैकल्पिक दिनों में कम से कम एक बार पानी उपलब्ध कराने में सक्षम होंगे।
प्रधान ने कहा कि एक और पेयजल परियोजना शहर से लगभग 7 किमी दूर स्थित भालुखोला में भी शुरू की जाएगी। इसे अमृत-2 परियोजना के तहत लगभग 200 करोड़ की अनुमानित लागत के साथ नागरिक निकाय और राज्य पीएचई विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा, आम चुनाव खत्म हो जाने के बाद दोनों परियोजनाओं के लिए निविदाएं जारी की जाएंगी।
दूसरी ओर, सिलीगुड़ी से करीब 40 किलोमीटर दूर कार्सियांग में भी यही स्थिति है। कालिम्पोंग की तरह, कार्सियांग नगरपालिका के 20 वार्डों में रहने वाले लगभग 60,000 निवासी भी पानी के संकट का सामना कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, इन दिनों नगरपालिका सप्ताह में तीन दिन पानी की सप्लाई कर रहा है, जो आधे-आधे घंटे तक चलती है।
नगरपालिका सूत्रों ने कहा कि सेंट हेलेन, ईगल क्रैग और डियर पार्क में स्थित कई जलाशयों से पानी वितरित किया गया था। ये जलाशय 8 माइल, थोटेकोला, अरिंगेल और सिपाहीधुरा में विभिन्न प्राकृतिक स्रोतों से पानी से भरे हुए हैं। कार्सियांग नगरपालिका प्रशासक बोर्ड के प्रमुख सुभाष प्रधान ने कहा, शुष्क मौसम के कारण पानी के स्रोत सूख रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में नागरिक क्षेत्र में पर्यटकों के लिए होटल और होमस्टे जैसे कई नए आवास सामने आए हैं। इसके कारण पानी की मांग भी बढ़ गयी है। हम संकट से निपटने की कोशिश कर रहे हैं।
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