गंगटोक, 21 सितम्बर । सिक्किम विधानसभा में लिम्बू-तामंग समुदाय के लिये सीटों के आरक्षण को लेकर लिम्बू-तमांग वोलेंटरी कमिटी (एलटीवीसी) ने मुद्दा उठाया, जो दो दशकों से अधिक समय से चल रहा है। एलटीवीसी लंबे समय से लिम्बू-तामंग के लिए विधानसभा में सीटों के आरक्षण की मांग कर रहा है।
आठ महीने के अंदर होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने हैं। फिर भी अब तक विधानसभा में सीटों के आरक्षण को लेकर कुछ नहीं हुआ है। कहा गया है कि भारत सरकार ने राज्य संविधान के अनुरूप दो दशक पहले लिम्बू-तमांग समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया था। इन संवैधानिक प्रावधानों के बावजूद लिम्बू-तामंग समुदाय अभी भी खुद को राज्य विधानसभा में अपने उचित प्रतिनिधित्व से वंचित है।
एलटीवीसी के अध्यक्ष येहांग त्सोंग ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दो दशक से अधिक समय हो गया है, जब लिम्बू-तामंग समुदाय अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित है। सिक्किम राज्य विधान सभा में लिम्बू-तामंग समुदायों के लिए सीट आरक्षण की अनुपस्थिति को त्सोंग ने एसकेएम पार्टी के दो-मुखी विश्वासघात करार दिया है। 2002 में अनुसूचित जनजाति की आधिकारिक मान्यता के बाद से एलटीवीसी ने अपने संवैधानिक अधिकारों को बनाए रखने की मांग करते हुए सत्तारूढ़ राज्य सरकार के साथ लगातार इस मुद्दे को उठाया है। इस प्रयास के तहत एलटीसी ने 16 सितंबर 2018 को एक सर्वदलीय समिति की बैठक आयोजित की।
इस बैठक में एसकेएम पार्टी सहित विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की भागीदारी देखी गई। सभी दल सर्वसम्मति से इस बात पर सहमत हुए कि लिम्बू-तमांग समुदाय राज्य विधान सभा में प्रतिनिधित्व के अपने संवैधानिक अधिकार के हकदार हैं। बैठक के दौरान बीरेंद्र तामलिंग, उत्तम लेप्चा, श्री अरुण उप्रेती, एसएन.बी. गुरूंग, विकास बस्नेत, विकास लोक्सम और एसकेएम पार्टी के सभी प्रतिनिधियों भाग लिया। एसकेएम पार्टी ने एक फार्मूला प्रस्तावित किया, जिसमें राज्य विधान सभा में लिम्बू-तामंग के लिए मौजूदा 32 सीटों में से सुनिश्चित की जाएगी, जो पिछली एसडीएफ पार्टी के पांच आरक्षित सीटों के साथ कुल सीटों की संख्या 32 से बढ़ाकर 40 करने के प्रस्ताव से अलग है।
22 सितंबर 2018 को एसकेएम पार्टी से सिक्किम विधानसभा के सदस्य और कानून मंत्री कुंगा नीमा लेप्चा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी सिक्किम यात्रा के दौरान एक अनुरोध पत्र सौंपा। इस पत्र में प्रधानमंत्री से एलटी सीट आरक्षण के मुद्दे को हल करने में सहायता की पेशकश करने का आग्रह किया गया। इन प्रयासों के बावजूद एसकेएम पार्टी द्वारा इंद्र हांग सुब्बा की अध्यक्षता में गठित समिति ने अभी तक अपनी रिपोर्ट या लागू किए जाने वाले फॉर्मूले को सार्वजनिक नहीं किया है।एलटीवीसी का आरोप है कि एसकेएम पार्टी ने 2019 में सत्ता में आने के लिए लिम्बू-तामंग समुदायों के लिए सीट सुरक्षित करने का वादा करते हुए रणनीतिक रूप से अपने मुद्दे का इस्तेमाल किया। हालांकि, उनका तर्क है कि यह प्रतिबद्धता अभी तक पूरी नहीं हुई है। उनका कहना है कि उनके संवैधानिक अधिकारों को बरकरार रखने के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन उनका लोकतांत्रिक और प्रभावशाली सहारा बना हुआ है।
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