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शिक्षक नहीं होते तो दुनिया अंधकारमय होती : मुख्‍यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay)

राज्‍यस्‍तरीय शिक्षा दिवस समारोह में 12 शिक्षकों को राज्‍य‍ शिक्षक पुरस्‍कार

गंगटोक, 05 सितम्बर । आज राजधानी गंगटोक के मनन केंद्र में शिक्षा विभाग ने राज्य स्तरीय शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया। आज शिक्षक दिवस कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) मुख्य अतिथि थे, जबकि उनकी पत्नी कृष्णा राई और शिक्षा विभाग के मंत्री केएन लेप्चा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। आज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गोले की ओर से 12 उत्कृष्ट शिक्षक-शिक्षिकाओं को राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें 50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार तथा प्रशस्तिपत्र प्रदान किया गया।

राज्य शिक्षक पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षक:शिक्षिकाओं में सोरेंग जिले सेट पक्कीगांव प्राथमिक पाठशाला के शिक्षक तुकबहादुर थापा, थर्पु उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार भण्डारी, गेजिंग जिला से तोपुंग प्राथमिक पाठशाला की प्रधान अध्यापिका मोतीमाया सुब्बा, पेलिंग उच्चतर माध्यमिक पाठशाला के शिक्षक गोरी प्रधान, नाम्ची जिला से नागी पालिताम प्राथमिक पाठशाला के प्रधान अध्यापक मनबहादुर छेत्री, धारगांव प्राथमिक पाठशाला की प्रधान अध्यापिका सुजाता, मली उच्चतर माध्यमिक पाठशाला की शिक्षिका पुण्य गुरंग, मंगन जिला से थेंग प्राथमिक पाठशाला के प्रधान अध्यापक चेंगा छिरिंग लाचुग्‍पा, लिंगथेम माध्यमिक पाठशाला की प्रधान अध्यापिका जेजे लेप्चा, पाकिम जिला से सुदुंगलाखा उच्चतर माध्यमिक पाठशाला की शिक्षिका ज्योति शर्मा, गंगटोक जिला से मार्तम लिंगताम प्राथमिक पाठशाला के प्रधान अध्यापक कर्मा मोनाम सेंगा और इंचे उच्चतर माध्यमिक पाठशाला के भूटिया भाषा के शिक्षक उगेन भूटिया हैं। इसी कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों में उत्कृष्ट सेवा दे रहे 25 शिक्षकों को मुख्यमंत्री गोले के हाथों प्रशस्ति पत्र देकर भी सम्मानित किया गया। शिक्षा विभाग ने आज के कार्यक्रम में सीबीएसई में सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त कर राज्य टॉपर बनने वाले स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को भी सम्मानित किया। आज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गोले ने ईएमएमआईएस का ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया।

राज्य स्तरीय शिक्षक दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री गोले ने कहा कि अगर दुनिया में शिक्षक नहीं होते तो दुनिया अंधकारमय होती। उन्होंने सभी शिक्षकों को उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा का महत्व केवल शारीरिक नहीं है, बल्कि यह मानवीय भावना को बदलने की क्षमता भी रखती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक अपनी प्रगति के बजाय अपने पढ़ाए हुए विद्यार्थियों की प्रगति देखकर खुश होते हैं, इससे यह सिद्ध होता है कि शिक्षण एक नौकरी नहीं बल्कि एक सेवा है। मुख्यमंत्री गोले ने कहा कि किसी भी सफल व्यक्ति के पीछे एक शिक्षक का हाथ होता है। उन्होंने कहा कि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान सरकार राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का काम कर रही है। इसी के परिणामस्वरूप राज्य की शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूल के छात्र इस वर्ष की नेट परीक्षा में 500 से अधिक अंकों के साथ उत्तीर्ण हुए, जो शिक्षा प्रणाली की ताकत का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश इन सभी चीजों को परिवर्तन के रूप में अनुभव कर रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में 50 फीसदी काम हो चुका है और 100 फीसदी काम करने में सभी के सहयोग की मुख्‍यमंत्री ने कामना की। मुख्यमंत्री गोले ने कहा कि राज्य के छात्रों को किताबी शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक शिक्षा और प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए। उन्‍होंने विश्वास व्यक्त किया कि यदि छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान देकर परिपक्व किया जाए तो कल का सिक्किमी समाज बहुत अच्छा होगा। आज के कार्यक्रम को शिक्षा मंत्री केएन लेप्चा, शिक्षा विभाग के अतिरिक्‍त मुख्य सचिव आर तेलंग ने भी संबोधित किया।

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