गंगटोक । इस वर्ष जून 2024 को समाप्त तिमाही के लिए एमएसएमई ऋण प्रवाह की समीक्षा हेतु भारतीय रिजर्व बैंक के गंगटोक क्षेत्रीय केंद्र द्वारा पिछले दिनों यहां सिक्किम के लिए एमएसएमई पर अधिकार प्राप्त समिति की 18वीं बैठक आयोजित की गई।
आरबीआई के गंगटोक क्षेत्रीय निदेशक थोटनम जामंग की अध्यक्षता में हुई उञ्चत बैठक में नाबार्ड सिक्किम, केवीआईसी, एमएसएमई-डीएफओ, सिडबी, एसएलबीसी संयोजक बैंक अधिकारियों के साथ विभिन्न बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में जामंग ने बैंकों को एमएसएमई को ऋण देने की प्रक्रिया को युक्तिसंगत बनाने और एमएसएमई उधारकर्ताओं से आने वाले ऋण प्रस्तावों के लिए उचित परिश्रम की सलाह दी। उन्होंने एमएसएमई के लिए ऋण तक आसान पहुंच की सुविधा के लिए बैंकों को अपनी ऋण प्रक्रियाओं को सरल बनाने और प्रसंस्करण समय को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया।
वहीं, नाबार्ड के डीजीएम अनिल कुमार यादव ने वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बैंकों को प्रदान की जाने वाली फंडिंग सहायता पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय वित्तीय प्रणाली के एक अभिन्न अंग के रूप में, बैंकों को देश के वित्तीय परिदृश्य में आर्थिक विकास के लिए एक उपकरण के रूप में अपनी भूमिका की समीक्षा करने और उस पर पुनर्विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस दौरान बताया गया कि पिछले वर्ष की तुलना में जून 2024 तक एमएसएमई को कुल अग्रिम में लगभग 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, मार्च 2024 को समाप्त पिछली तिमाही की तुलना में जून 2024 को समाप्त तिमाही के दौरान पीएमईजीपी के तहत उधार 70.63 प्रतिशत बढ़ा है। इस दौरान, मुद्रा के तहत कुल अग्रिम में भी 9.14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
#anugamini #sikkim
No Comments: