गंगटोक । सिक्किम क्षेत्र से विपणन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मसाला बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय, गंगटोक द्वारा 25 सितंबर को होटल फर्न डेनजोंग में क्रेता-विक्रेता बैठक सह उद्यमिता विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सिक्किम सरकार के कृषि, पशुपालन व पशु चिकित्सा सेवा, बागवानी और मत्स्य विभाग के मंत्री पूरन कुमार गुरुंग उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में बागवानी विभाग के सह सचिव तिलक गजमेर और सिक्किम सरकार के कृषि निदेशक छिरिंग टी भूटिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। वहीं मसाला बोर्ड के प्रधान कार्यालय, कोच्चि के निदेशक (विपणन) बी.एन. झा के साथ अन्य गणमान्य व्यक्तियों में बागवानी निदेशक बीएज दहाल, एस शर्मा और अतिरिक्त निदेशक बी पेरियार की भी मौजूदगी रही।
कार्यक्रम की शुरुआत मसाला बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय, गंगटोक के उप निदेशक पीटी लेप्चा के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने सिक्किम एफपीओ और किसानों से आग्रह किया कि वे इस क्रेता-विक्रेता बैठक के अवसर का लाभ उठाएं और सिक्किम के उत्पादों को क्रेताओं के समक्ष प्रदर्शित करें, जो कि ज्यादातर भारत के विभिन्न भागों से आए निर्यातक हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए पूरे भारत में 27 खरीदारों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 17 निर्यातकों ने सिक्किम क्षेत्र के विशिष्ट मसाला उत्पाद खरीदने के उद्देश्य से कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने बताया कि 27 एफपीओ और 32 व्यक्तिगत किसान अपनी उपज के साथ बी2बी और बी2जी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आगे आए।
निदेशक (विपणन) बीएन झा ने अपने प्रारंभिक भाषण में सदन को विश्वभर में भारतीय मसालों के प्रचार-प्रसार में मसाला बोर्ड की सक्रिय भूमिका के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सिक्किम के जैविक उत्पादों के मूल्य संवर्धन पर जोर दिया ताकि विश्व के एकमात्र पूर्णतया प्रमाणित जैविक राज्य होने का लाभ उठाया जा सके। उन्होंने भारतीय मसालों और भारतीय मसाला क्षेत्र की विश्वव्यापी मांग तथा इसके मूल्यवर्धित उत्पाद और गुणवत्ता पहलुओं में परिवर्तन के बारे में बात की। सिक्किम सरकार के कृषि निदेशक श्री भूटिया ने अपने अभिनंदन भाषण में देश के विभिन्न भागों से आए खरीदारों से आग्रह किया कि सिक्किम के मसालों के उत्पादों को जैविक उत्पाद के रूप में बाजार में उतारा जाना चाहिए, क्योंकि पूरा राज्य प्रमाणित जैविक है। उन्होंने यह भी कहा कि खरीदार सिक्किम उत्पाद के लिए ब्रांड एंबेसडर के रूप में कार्य कर सकते हैं।
सिक्किम सरकार के बागवानी विभाग के प्रधान निदेशक सह सचिव तिलक गजमेर ने सिक्किम सरकार के प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया, जिससे राज्य को न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में पूरी तरह से जैविक राज्य के रूप में मान्यता मिल सके। उन्होंने राज्य से जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए माननीय मुख्यमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए बागवानी विभाग द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रयासों की भी जानकारी दी, जिसके तहत उत्पादों के प्रदर्शन के लिए विभिन्न क्रेता-विक्रेता बैठकें आयोजित की गईं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंत्री पूरन गुरुंग ने इस तरह के आयोजन के लिए मसाला बोर्ड द्वारा किए गए प्रयास की सराहना की तथा यह भी बताया कि वे बड़ी इलायची के लिए मसाला बोर्ड द्वारा किए गए कार्यों से भली-भांति परिचित हैं। हालांकि, उन्होंने सिक्किम में बड़ी इलायची के घटते उत्पादन पर चिंता व्यक्त की और सिक्किम के गौरव को पुनः प्राप्त करने के लिए प्रत्येक हितधारक से आगे आने और मिलकर काम करने का आग्रह किया।
मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य के माननीय मुख्यमंत्री हमेशा राज्य के कृषि-बागवानी क्षेत्र के प्रति उत्साही रहे हैं और उन्होंने राज्य के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए सभी को मिलकर काम करने का निर्देश दिया है। सिक्किम के जैविक उत्पाद को वैश्विक ब्रांड बनाने पर भी जोर दिया है, जो राज्य के मुख्यमंत्री का भी सपना है। उन्होंने सिक्किम के जैविक उत्पाद को विश्वभर में बढ़ावा देने के लिए सिक्किम सरकार द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों की जानकारी दी तथा राज्य सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया, जिससे राज्य के कृषक समुदाय को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने किसानों से सिक्किम के दो सबसे जयादा मांग वाले मसालों-बड़ी इलायची और डल्ले खोरसानी (मिर्च) के लिए अधिकतम संभव मूल्य प्राप्त करने को कहा। अंत में, उन्होंने कार्यक्रम की शानदार सफलता की कामना की।
उद्घाटन सत्र का समापन मसाला बोर्ड के अनुसंधान प्रभाग, भारतीय इलायची अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के प्रभारी एवं वैज्ञानिक-सी डॉ. जॉन जो वर्गीस के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उद्घाटन सत्र के बाद मसालों पर उद्यमिता विकास का एक सत्र आयोजित किया गया, जिसे मसाला बोर्ड के सहायक निदेशक (विपणन) श्री संदीप चौरसिया ने संचालित किया। इसके बाद क्रेता-विक्रेता बातचीत सत्र आयोजित किया गया, जहां क्रेताओं ने सिक्किम से मसाला उत्पादों की अपनी आवश्यकता रखी और विक्रेताओं से उनकी उपज बेचने की इच्छा के बारे में पूछा तथा उनसे सिक्किम के जैविक उत्पादों की निरंतर आपूर्ति श्रृंखला की स्थापना के लिए एक समझौता करने का आग्रह किया। किसानों और एफपीओ के साथ मिलकर सिक्किम के जैविक उत्पादों को प्रदर्शित करने वाली एक छोटी प्रदर्शनी लगाई गई। क्रेताओं और विक्रेताओं ने मसाला बोर्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की। इस बैठक के दौरान मसालों पर अच्छी मात्रा में सौदे किए गए और सिक्किम के जैविक मसाला उत्पाद पर क्रेता-विक्रेता के बीच संपर्क का एक नया रास्ता भी खुला।
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