गंगटोक, 18 सितम्बर । राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) का भाषण पिछली सरकार को याद किए बिना न तो शुरू होता है और न ही समाप्त होता है। वह छोटा सा भाषण देकर अपना प्रचार करते हैं। लंबा भाषण देने के लिए किसी भी विषय के बारे में ज्ञान की आवश्यकता होती है। इसके लिए गहन अध्ययन, मनन और चिंतन की आदत और अभ्यास की आवश्यकता होती है। यह आरोप एसडीएफ छात्र मोर्चा के महासचिव अजित बस्नेत ने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कही।
उन्होंने कहा कि इन विषयों की कमी रंगपो में आयोजित तीज महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये संक्षिप्त भाषण में भी स्पष्ट रूप से दिखी। मुख्यमंत्री ने अपने संक्षिप्त भाषण में पिछली सरकार को याद करते हुए सबसे पहले कहा कि सिक्किम को जातियों में विभाजित कर दिया गया। एक व्यक्ति जो एसडीएफ सरकार के पहले 15 वर्षों तक कैबिनेट का सदस्य था और जिसने हर फैसले को मंजूरी दी थी, उसका यह कहना कि पिछली सरकार ने लोगों को जातियों में बांट दिया, पाखंड का एक अनूठा उदाहरण है। एसडीएफ पार्टी उनके इस तरह के निंदनीय, झूठे बयान की निंदा करती है।
श्री बस्नेत ने कहा कि लोकतंत्र में जनमत के माध्यम से सरकार तक पहुंचने वाले नेतृत्व की मुख्य जिम्मेदारी चुनावी घोषणापत्र के आधार पर जनता के लिए काम करना है। मुख्यमंत्री इस गहन जिम्मेदारी को निभाने में शत-प्रतिशत विफल रहे हैं। सरकार बनने के साढ़े चार साल बाद भी उनकी पार्टी के घोषणापत्र का एक भी वादा पूरा नहीं हुआ है। अपनी चौतरफा विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए मुख्यमंत्री के मुंह में एसडीएफ सरकार के कार्यकाल की आलोचना करने के अलावा कुछ नहीं बचा है। मुख्यमंत्री को यह कब समझ आएगा कि सिक्किम की जनता ने उन्हें एसडीएफ पार्टी और सरकार का विरोध करने के लिए उस पद पर नहीं रखा है?
No Comments: