गंगटोक । सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की परियोजना स्वस्तिक ने सिक्किम के विभिन्न स्थानों पर देशभक्ति की गहरी भावना को दर्शाते हुए 78वें स्वतंत्रता दिवस को उत्साह के साथ मनाया। इस अवसर पर क्षेत्र के कुछ सबसे ऊंचे और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर ध्वजारोहण समारोह आयोजित किए गए।
प्रोजेक्ट स्वास्तिक के तहत बीआरओ कर्मियों ने डोंकायाला दर्रे और तमजे दर्रे पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जो उत्तर और पूर्वी सिक्किम के सबसे ऊंचे दर्रे हैं। इसी प्रकार के समारोह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थित डोकलाम और नाथुला तथा पूर्वी सिक्किम की सबसे ऊंची चोटी प्वाइंट 4685 पर आयोजित किए गए। भारत की सीमा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण इन स्थानों को क्षेत्र में बीआरओ की भूमिका के महत्व को रेखांकित करने के लिए चुना गया था।
‘हर घर तिरंगा’ पहल के तहत, सिंगताम में नवनिर्मित इंद्रयानी पुल पर ध्वजारोहण समारोह भी आयोजित किया गया। इस महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का उद्घाटन हाल ही में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार तमांग (गोले) द्वारा किया गया था। इस पुल से क्षेत्र में कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, जो बीआरओ के “स्थानों को जोड़ना, लोगों को जोड़ना” के आदर्श वाक्य के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। प्रोजेक्ट स्वस्तिक ने स्वतंत्रता दिवस समारोह को सिक्किम से आगे बढ़ाया तथा उत्तर बंगाल और सिक्किम के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर तिरंगा मार्च और दौड़ का आयोजन किया।
इनमें चुंगथांग, चांदमारी, बुर्तुक, कालिम्पोंग, कुपुप और नाथुला शामिल थे, जहां बच्चों सहित स्थानीय लोगों ने उत्साह के साथ भाग लिया। स्वास्तिक टॉडलर स्कूल में बीआरओ कर्मियों के छोटे बच्चों के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्कूल में देशभक्ति नाटकों और गीत प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसके बाद विद्यार्थियों के लिए दंत परीक्षण का आयोजन किया गया, जिससे दिन के उत्सव में स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती का तत्व जुड़ गया।
परियोजना स्वस्तिक के माध्यम से सीमा सड़क संगठन सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के दैनिक जीवन में अपरिहार्य भूमिका निभा रहा है। न केवल बुनियादी ढांचे और संपर्क को बढ़ाकर, बल्कि भारत के कुछ सबसे दूरस्थ और चुनौतीपूर्ण इलाकों में देशभक्ति और एकता की भावना को बढ़ावा देकर भी।
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