राजोरी (ईएमएस)। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सीमा पार के दुश्मनों से खतरा बराबर बना हुआ है। हमें निरंतर सतर्क रहना होगा। दुश्मन शांति भंग करने के लिए आतंकवादियों को सीमा पार से भेज रहा है। ऐसे समय में नागरिकों और सुरक्षा बलों को एकजुट होकर उनका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा।
हमें यह सीख और जज्बा खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह और राजोरी के बलिदानी नर नारियों से विरासत में मिला है। इससे हमारे संकल्पों को दृढ़ता और ताकत मिलती रहेगी। श्री सिन्हा राजोरी दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
मनोज सिन्हा ने इस अवसर पर खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोविन्द सिंह को याद करते हुए कहा कि उनकी अमृत वाणी में जोश और जज्बा भरा है। वे धार्मिक पथप्रदर्शक होने के साथ एक महान योद्धा भी थे। उनके आदर्श भारतीय जवानों के लिए सतत प्रेरणास्रोत हैं।
उनसे विपरीत हालातों में हमारी सेना के बहादुर जवानों को लड़ने की ताकत मिलती है।इस दौरान उन्होंने राजोरी के उन सभी बलिदानियों, सेना के जवानों और सैन्य अधिकारियों को याद किया और श्रद्धांजलि दी जिन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर पाकिस्तानी कबायलियों को गहरी शिकस्त दी और राजोरी को आजाद कराया।
उन्होंने कहा कि यह सुखद संयोग है कि जिस दिन राजोरी कबायलियों से मुक्त हुआ उसी दिन गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना भी की थी। उन्होंने गुरु गोविन्द सिंह की अमृत वाणी का जिक्र करते हुए बताया कि गुरु गोविंद सिंह ने भोले शंकर से यह वर मांगा था कि मैं नेक काम करने में सदा आगे रहूं।
युद्ध के मैदान में मौत से भी सामना हो जाय तो पीछे न हटूं और फतह करके वापस लौटूं। यही नहीं ज़ब अंतिम समय आए तो मैं युद्ध क्षेत्र में लड़ते हुए वीरगति प्राप्त करूं। गुरु गोविन्द सिंह की इस अमरवाणी ने निरंतर हमारे वीर सैनिकों का मार्गदर्शन किया है।
एलजी ने राजोरीवासियों और सैनिकों को आगाह करते हुए कहा कि दुश्मन की ओर से खतरा अभी भी बना हुआ है, ऐसे में नागरिकों को सदैव सतर्क रहना होगा। सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा, तभी दुश्मनों के नापाक मंसूबों का हम मुंहतोड़ जवाब दे पाएंगे। नागरिक, सेना के जवानों के हमसफर बनें। राजोरी के नागरिकों ने हर विपत्ति के समय ऐसा किया है। यह बलिदानियों की धरती है। यहां की महिलाएं भी वीरंगना हैं, बलिदान देने में पीछे नहीं रही हैं।
एलजी मनोज सिन्हा ने भारतीय सेना की बहादुरी और बलिदान की चिरस्थायी विरासत की सराहना की। उन्होंने कहा कि सेना के लिए हर दिन उसकी वीरता और देशभक्ति का प्रमाण होता है। राजोरी को पुनः प्राप्त करने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों और नागरिकों को श्रद्धांजलि देते हुए एलजी ने पाकिस्तानी सेना द्वारा छह महीने तक किए गए कब्जे को भारत के इतिहास में काला युग करार दिया।
उन्होंने क्षेत्र में शांति और विकास के लिए प्रतिबद्धता दोहराई। सिन्हा ने कहा कि दुश्मन शांति भंग करने के लिए आतंकवादियों को सीमा पार से भेज रहा है। ऐसे समय में नागरिकों और सुरक्षा बलों को एकजुट और सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शांति प्रगति के लिए एक शर्त है।
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