पटना , 04 फरवरी । शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नियोजित शिक्षकों को अल्टीमेटम दिया है। नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा में बैठना और इसे पास करना कंपलसरी कर दिया गया है। पास नहीं किए जाने पर नौकरी से निकाल दिए जाएंगे।
नियोजित शिक्षकों को चार मौके दिए जाएंगे। जिसमें से तीन परीक्षा में बैठना जरूरी होगा। अगर वे तीन परीक्षाओं में लगातार फेल हो जाते हैं तो नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। वहीं, पास होने पर एक्सक्लूसिव टीचर कहलाएंगे। बता दें बिहार में नियोजित शिक्षकों की संख्या साढ़े तीन लाख से 4 लाख है।
दो दिन पहले यानी 1 फरवरी को सक्षमता परीक्षा को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया था। इसका अध्यक्ष केके पाठक को बनाया गया है। साथ ही कमेटी के सदस्य बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को बनाया गया है।
सक्षमता परीक्षा में फेल होने वाले या एग्जाम में शामिल नहीं होने वाले उन अभ्यर्थियों को लेकर कमेटी विचार करेगी। विचार करने के बाद कमेटी हफ्ते भर में अपनी अनुशंसा राज्य सरकार को सौंपेगी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।
परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 1 फरवरी से शुरू हो गई है। इसकी लास्ट डेट 15 फरवरी है। शिक्षक अभ्यर्थी अपना एडमिट कार्ड 16 फरवरी से डाउनलोड कर सकते हैं। परीक्षा ऑनलाइन होगी, जो 26 फरवरी से 13 मार्च तक चलेगा। विभाग के मुताबिक, रिजल्ट मार्च के आखिरी हफ्ते तक जारी कर दिया जाएगा।
26 फरवरी से होने वाली सक्षमता परीक्षा में अब अलग-अलग कक्षाओं के लिए सात श्रेणी में कुल 59 विषयों की परीक्षा आयोजित की जाएगी। परीक्षा में कोई निगेटिव मार्किंग नहीं है। इनमें पहली से पांचवीं में एक विषय की परीक्षा होगी। छठी से आठवीं में आठ विषयों की परीक्षा होगी। इसके अलावा सेकेंडरी (नवमीं से दसवीं) में 19 विषयों और हायर सेकेंडरी (11वीं से 12वीं) में 31 विषयों की परीक्षा ली जाएगी।
प्रारंभिक, हाई व इंटर स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले कोर्स से सवाल पूछे जाएंगे। सक्षमता परीक्षा में कुल 150 ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन होंगे। जिसमें कक्षा 1 से 5 के लिए के लिए भाषा से 30, सामान्य अध्ययन से 40 और सामान्य विषय से 80 प्रश्न पूछे जाएंगे। इसी तरह के अंक प्रश्न छठी से आठवीं, नौवीं व दसवीं तथा 11वीं व 12वीं के नियोजित शिक्षकों से पूछे जाएंगे।
नियोजित शिक्षक अरुण क्रांति ने केके पाठक के आदेश को तुगलकी फरमान बताया है। उन्होंने कहा है कि नियोजित शिक्षक नियमावली के अनुसार सभी नियोजित शिक्षकों की सेवा 60 साल की गई है। ऐसे में अचानक परीक्षा के नाम पर नौकरी से कैसे निकाला जा सकता है। विशिष्ट शिक्षक की नियमावली अलग है। इस तरह के फैसले अलोकतांत्रिक है।
#anugamini
No Comments: