आगजनी पीड़ितों से मिले जीतन राम मांझी, कहा- नवादा कांड में स्थानीय प्रशासन दोषी

नवादा । केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी नवादा के कृष्णा नगर में हुए अग्निकांड के बाद पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की। मांझी ने कहा कि अगर कोर्ट समय पर फैसला देती तो महादलित परिवारों को इस मुसीबत का सामना नहीं करना पड़ता। पीड़ित परिवारों ने बताया कि तीन बार जमीन को लेकर विवाद हुआ लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। मांझी ने आरोप लगाया कि बिहार में 70 प्रतिशत ज़मीन पर राजद का कब्जा है और इस घटना में भी कई और लोगों के शामिल होने की आशंका है।

मांझी ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें पूरी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि 1965 से महादलित परिवार यहां रह रहे हैं और प्रशासन बता रहा है कि वे सिर्फ 3 साल से यहां हैं। यह बहुत बड़े दुर्भाग्य की बात है कि प्रशासन सच्चाई नहीं बता रहा है। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर महादलित परिवारों के घर जलाए गए हैं। सीबीआई जांच होगी तो कई लोगों के नाम सामने आएंगे। मांझी ने कहा कि इस घटना में शामिल आरोपी नंदू पासवान के साथ और भी लोग शामिल हैं। इस घटना को अंजाम देने वाले माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। तेजस्वी यादव का नाम सुनते ही जीतन राम मांझी भड़क गए। उन्होंने आरजेडी को खरी खोटी सुनाई।

मांझी ने कहा कि नवादा की घटना में प्रशासन दोषी है। इस टोला में आज जो कुछ व्यवस्था है वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की देन है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन भू-माफियाओं का साथ दे रहा है। मांझी ने कहा कि जिस पासवान जाति का नाम आ रहा है उसके पीछे अदृश्य शक्तियां काम कर रही हैं। मुझे मालूम है कि ऐसी अदृश्य शक्तियां हैं जिसके इशारे पर ही सब कुछ होता है। हम मांग करते हैं कि इस घटना की सीबीआई जांच हो। मांझी ने कहा कि कृष्णा नगर की यह पहली घटना नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में दलितों को जमीन तो दे दी जाती है लेकिन कब्जा नहीं करने दिया जाता है। इस दौरान मांझी ने यादव जाति और राजद पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना वारिसलीगंज के बरनावा गांव में भी हो सकती है, जहां यादवों ने महादलितों की जमीन पर कब्जा कर लिया है।

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