ऋषिकेश, 25 फरवरी । एम्स ऋषिकेश में नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन कॉन्क्लेव-2024 के 43वें दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के शुभारम्म कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने अधिवेशन में आए चिकित्सक एवं छात्रों का उत्तराखंड में स्वागत करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श मानने वाला यह संगठन निरंतर ’नर सेवा नारायण सेवा’ के भाव से देश में अपनी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है।
देश के विभिन्न स्थानों पर चिकित्सकों और छात्रों द्वारा स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर चिंतन करना सराहनीय प्रयास है। इस प्रकार ’’स्वास्थ्य सेवा से राष्ट्र सेवा’’ और ’’स्वास्थ्य सेवा ही राष्ट्र सेवा’’ के सिद्धांत को अपनाकर संगठन अंत्योदय की भावना से कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत में स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। स्वास्थ्य के विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर सुधार जारी है, इनमें सस्ते उपचार व दवाइयां, ग्रामीण स्तर पर आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं, मानव संसाधन का विकास और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच बढ़ाने के लिए तकनीक का उपयोग आदि शामिल है।
उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवा में अंत्योदय की सोच के साथ कार्य कर रही है। पिछले दस वर्षों में देश में 200 से अधिक नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण हुआ है। वर्तमान में 22 से अधिक एम्स में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। साथ ही योग और आयुष को लेकर देश में और अधिक जागरूकता आई है। विश्व में योग को लेकर आकर्षण बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान एवं जल जीवन मिशन ने कई रोगों की रोकथाम में सहायता की है। पोषण अभियान देश में कुपोषण को नियंत्रित करने में सहायक सिद्ध हुआ है।
राष्ट्रीय टेली-मेडिसिन सेवा-ई-संजीवनी ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग सुदूर क्षेत्र में स्थित रोगियों के डायग्नोसिस, उपचार और प्रबंधन को सक्षम करने के लिए किया है। इनके उपयोग से सुदूर गांव में रहने वाला कोई व्यक्ति भी शहरों में रहने वाले चिकित्सकों से शुरुआती परामर्श प्राप्त कर सकता है। स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में लाभार्थियों तक सुविधाओं को पहुंचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के परस्पर समन्वय से कार्यों का सफल सम्पादन किया जा रहा है। प्रदेश में सभी को निःशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही कैशलेस उपचार देने की दिशा में अटल आयुष्मान योजना प्रभावी साबित हो रही है।
अब तक करीब 55 लाख से ज्यादा लोगों का आयुष्मान कार्ड होल्डर के रूप में पंजीकरण हो चुका है। अटल आयुष्मान योजना और आयुष्मान कार्ड की सहायता से 5 लाख से अधिक मरीजों ने समय पर अपना इलाज भी कराया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार जच्चा-बच्चा की सुरक्षा के लिए कई योजनाएं चला रही है। गर्भवती महिलाओं के लिए ’जननी सुरक्षा योजना’ के अंतर्गत मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए इस योजना का संचालन किया जा रहा है।
इन्द्रधनुष योजना के तहत बच्चों का निःशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। आमजन की मधुमेह, रक्तचार, स्तन कैंसर एवं मुंह के कैंसर की निःशुल्क जांच तथा स्क्रीनिंग के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर संचालित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन का उद्देश्य क्षय रोगियों को रोग मुक्त करना है, जिसके लिए भारत को क्षय मुक्त बनाने के लिए 2025 का लक्ष्य रखा गया है। कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने संपूर्ण विश्व का नेतृत्व किया।
कोरोनाकाल में देश के साथ विदेशों में भी निःशुल्क वैक्सीन दी गई। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए हर अभियान का लाभ अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को मिल रहा है।
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के आधार पर निरंतर कार्य कर रही है। सभी के सहयोग से हम स्वस्थ, समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तराखंड का निर्माण करने में सफल होंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, डॉ. धन सिंह रावत, निदेशक एम्स प्रो. मीनू सिंह, आरएसएस सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि एवं अन्य लोग मौजूद थे। (एजेन्सी)
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