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वित्त मंत्री सीतारमण ने पेश किया बजट : ‘लोकलुभावन’ घोषणाओं से परहेज, सुधारों को आगे बढ़ाने पर जोर

नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरूवार को संसद में वित्त वर्ष 2024 -25 का अंतरिम बजट पेश किया।
सीतारमण ने लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार का दृष्टिकोण सबका साथ, सबका विश्वास है और इसके अनुरुप सरकार काम कर रही है। सीतारमण का वित्त मंत्री के रुप में यह छठा बजट है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का भी यह अंतिम बजट है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सामाजिक कल्याण के लिए सरकार ने सर्वांगीण, सर्व स्पर्शी और सर्व समावेशी नीति और कार्यक्रम लागू किये तथा भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद को खत्म किया है।
उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण से सरकार को दो लाख करोड़ रुपए की बचत हुई है जिससे कल्याणकारी योजनाओं के लिए धन सुलभ हुआ है। उन्होंने इसे सही सजीव धर्मनिरपेक्षता बताया। इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिम बजट को स्वीकृति दी और वित्त मंत्री ने इसे राष्ट्रपति को भेंट किया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरूवार को अगले वित्त वर्ष के लिए सुधारों को आगे बढ़ाने वाला अंतरिम बजट पेश किया, जिसमें लोकलुभावन घोषणाओं से परहेज किया गया है।
उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 का लेखानुदान या अंतरिम बजट पेश करते हुए एक तरफ जहां आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये पूंजीगत व्यय 11 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है, वहीं चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित कर इसे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत कर दिया है। कुल 47.66 लाख करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया गया है।
सीतारमण ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर कोई राहत नहीं दी। हालांकि 25,000 रुपये तक के छोटी राशि के कर मांग को लेकर विवाद से आम लोगों को राहत देने का प्रस्ताव किया।
एक घंटे से भी कम समय के अपने बजट भाषण में उन्होंने पिछले 10 साल में सरकार की उन उपलब्धियों को रखा जिससे देश ‘नाजुक अर्थव्यवस्था’ की श्रेणी से बाहर निकल गर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना।
बजट में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय 11.11 लाख करोड़ रुपये रखा गया। वहीं चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा 5.9 प्रतिशत से घटाकर 5.8 प्रतिशत रहने का संशोधित अनुमान रखा गया है।
राजकोषीय घाटा अगले वित्त वर्ष में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले की हर चुनौती को आर्थिक प्रबंधन और बेहतर राजकाज के माध्यम से दूर किया गया जा चुका है।
सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार अपने जुलाई के बजट में भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए विस्तृत रुपरेखा पेश करेगी।
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा, ‘‘सुधार, प्रदर्शन और बदलाव’ के सिद्धांत के आधार पर सरकार अगली पीढ़ी के सुधारों को आगे बढ़ाएगी और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्यों तथा संबंधित पक्षों के साथ आम सहमति बनाएगी।’’
चालू वित्त वर्ष के लिए कुल प्राप्तियां 30.03 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। यह बजट अनुमान से अधिक है। यह अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति को दर्शाता है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘हम राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं… हमने राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है और इसपर आगे बढ़ रहे हैं।’’
(एजेन्सी)

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