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चुंगथांग बांध टूटने से राज्य सरकार को हुआ करोड़ों का नुकसान : मुख्‍यमंत्री

विधानसभा में मुख्‍यमंत्री गोले ने आपदा पर रखा सरकार का पक्ष

गंगटोक, 03 नवम्बर । Sikkim के मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) का कहना है कि राज्य में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर पिछली सरकारों की गलतियां छिपाने के लिए वर्तमान में एसकेएम सरकार पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने आपदा के समय को लेकर हुए विवाद पर भी अपनी सफाई दी।

सिक्किम विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के आखिरी दिन आज धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री गोले ने कहा, ल्होनक झील फटने का समय 10.40 बजे था, लेकिन मंगन से गंगटोक लौटते वक्त मुझे इसकी जानकारी रात करीब 12.30 बजे मिली। उसके बाद मैंने सोशल मीडिया पर अपने बयान में यह जानकारी दी। मुझे झील टूटने की सूचना 10.40 बजे नहीं मिली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही उन्हें यह जानकारी मिली, उन्होंने सभी संबंधित क्षेत्रों के जिम्मेदार अधिकारियों को सूचित किया, जिसके कारण ही 3-4 अक्टूबर के बीच तीस्ता नदी में आई भयावह बाढ़ में हजारों लोगों की जान बचाई गई। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा के बाद उन्होंने डिक्‍चू के एक परिचित को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का निर्देश भी दिया था। वहीं उन्होंने आगे कहा कि घटना की रात 11.30 बजे तक उनके साथ रहे मंगन जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को भी ल्होनक झील फटने की जानकारी नहीं मिली थी। ऐसे में उन्होंने घटना की सूचना को लेकर सरकार की ओर से लापरवाही बरतने के विपक्ष के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि आज आपदा का कारण छिपाने के लिए सरकार पर आरोप लगाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री गोले ने आगे कहा कि चुंगथांग में सिक्किम ऊर्जा जलविद्युत परियोजना का बांध टूटने के बाद तीस्ता जलप्रलय से अधिक नुकसान हुआ है। इससे चुंगथांग के ऊपरी और निचले इलाके में काफी नुकसान से देखा जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने फिर आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने कंक्रीट ग्रेविटी बांध बनाने के केंद्रीय जल आयोग के निर्देशों का पालन किए बिना ही रॉक फील्ड बांध बनाकर बड़ी गलती की। उन्होंने कहा कि चुंगथांग बांध टूटने से राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है और इस बांध को दोबारा बनाने में कम से कम चार साल लगेंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार जनता की आवाज सुनने के बाद ही अगला कदम उठाएगी। यदि पिछली सरकार ने जनता की आवाज सुनी होती तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होता।

दो दिवसीय विधानसभा सत्र के दूसरे और आखिरी दिन आज सदन में तीस्ता नदी आपदा को लेकर चर्चा हुई। सदन की कार्यवाही के बाद धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सबसे पहले गंगटोक से भाजपा विधायक वाईटी लेप्चा और मार्तम रुम्‍तेक से सोनम वेनचुग्‍पा ने इस प्राकृतिक आपदा पर अपने विचार रखे। इसके साथ ही सदन में एक बार फिर घटना को लेकर राज्य सरकार की ओर से आधिकारिक बयान दिया गया गया।

अपने वक्‍तव्‍य में विधायक वाईटी लेप्चा ने कहा कि पिछली सरकार में गलतियां हुईं, लेकिन वर्तमान सरकार भी इसे लेकर कई तरह के आरोपों से घिरी है। ऐसे में विधायक सोनम वेनचुंग्‍पा ने कहा कि पिछली एसडीएफ सरकार द्वारा तमाम विरोधों के बावजूद बहुत सारे बांध बनाने के कारण ही आज सिक्किम प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है। विधायक और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डीआर थापा द्वारा कल दिए गए सुझाव का समर्थन करते हुए विधायक लेप्चा और वेनचुंग्‍पा ने भी इस बात पर जोर दिया कि वित्तीय पैकेज के लिए सभी राजनीतिक दलों का एक संयुक्‍त प्रतिनिधि दल नई दिल्ली जाना चाहिए।

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