गंगटोक । सिक्किम के ग्रामीण विकास मंत्री अरुण उप्रेती ने सूचना व जनसंपर्क सलाहकार विधायक लाल बहादुर दास के साथ आज पाकिम के असम लिंग्जे स्थित सिक्किम कोऑपरेटिव यूनियन परिसर में पत्रकारिता पर तीन दिवसीय शॉर्ट टर्म कोर्स की शुरुआत की।
उद्घाटन सत्र में सिक्किम ऑपरेटिव यूनियन के अध्यक्ष मंगलजीत राई और रिसोर्स पर्सन के तौर पर सिक्किम विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ. पूजा बसनेत और ओडिशा से भारतीय जनसंचार संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक डॉ मृणाल चटर्जी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में आईपीआर निदेशक उमेश सुनाम और गंगटोक जिला सूचना अधिकारी नीमा तमांग के नेतृत्व में राज्य IPR विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
प्रेस क्लब ऑफ सिक्किम के प्रचार सचिव पंकज ढुंगेल ने बताया कि राज्य के 38 पत्रकारों के लिए इस कार्यशाला का आयोजन इससे हफ्तों पहले ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से किया गया है। इसमें ज्यादातर डिजिटल मीडिया के पत्रकार शामिल हैं। कार्यशाला के दूसरे दिन शनिवार को रिसोर्स पर्सन अधिवक्ता ताशी राप्देन बारफुंगपा द्वारा ‘न्यायालय रिपोर्टिंग के नियम’ पर तथा राज्य पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक अक्षय सचदेवा द्वारा नई भारतीय न्याय संहिता पर सत्र आयोजित किए जाएंगे। कार्यशाला का समापन 15 सितंबर को भाग लेने वाले पत्रकारों को प्रमाण पत्र वितरण के साथ होगा।
इस अवसर पर मंत्री उप्रेती ने पिछले एक दशक में राज्य में पत्रकारों के उत्थान पर बात करते हुए कहा ‘पिछले दशक की तुलना में हमने राज्य में पत्रकारों की संख्या में भारी वृद्धि देखी है। हम कभी-कभी पत्रकारों की वैधता पर सवाल उठाते हैं, चाहे वह जनसंचार में डिग्री वाला मान्यता प्राप्त पत्रकार हो या नहीं। इस बात का कोई वर्गीकरण नहीं है कि कौन वास्तविक है और कौन नहीं। हर कोई जिसके पास मोबाइल फोन है और जो किसी घटना को रिकॉर्ड कर सकता है, उसे पत्रकार माना जाता है। हम सवाल करते हैं कि क्या इसे रिपोर्टिंग माना जा सकता है या नहीं।
वहीं, मंत्री ने बिना डिग्री वाले पत्रकारों की तेजी से बढ़ती संख्या में पत्रकारिता डिग्री के मूल्य में कमी पर जोर दिया। इसी कड़ी में उन्होंने राज्य विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान एक अनुभव को उजागर करते हुए ‘कॉपी पेस्ट पत्रकारिता’ के प्रचलन का जिक्र किया।
इस दौरान, आईपीआर सलाहकार एलबी दास ने भी राजनीति में आने से पहले आईपीआर विभाग के साथ जिला सूचना अधिकारी के रूप में अपने स्वयं के अनुभव पर प्रकाश डाला। उन्होंने पत्रकारों द्वारा संतुलित रिपोर्टिंग के महत्व पर जोर दिया।
कार्यक्रम में मंत्री और आईपीआर सलाहकार के साथ पिछले वर्ष जनवरी में सिक्किम आईपीआर विभाग के साथ मिजोरम में आईआईएमसी आइजोल द्वारा आयोजित इसी तरह की कार्यशाला में शामिल हुए राज्य के प्रशिक्षु पत्रकारों को प्रमाण पत्र वितरित किए।
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