दार्जिलिंग । पूजा बोनस की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे चाय श्रमिकों की मांगों का समर्थन करने के लिए आज अजय एडवर्ड्स डागापुर पहुंचे। गौरतलब है कि पहाड़ी चाय श्रमिकों के पूजा बोनस को लेकर आज डागापुर स्थित अतिरिक्त श्रम कार्यालय में पांचवें दौर की बैठक हुई, लेकिन बैठक में श्रमिकों के मनमुताबिक परिणाम नहीं निकलने के कारण बैठक बेनतीजा रही।
हाम्रो पार्टी प्रमुख Ajoy Edwards ने पहाड़ के चाय बागानों के मालिकों से खास अपील करते हुए कहा, ‘पहाड़ों की स्थिति दिन-ब-दिन अलग होती जा रही है। अगर आज की बैठक में 20 प्रतिशत पूजा बोनस तय नहीं हुआ तो कल पहाड़ में मजदूर आंदोलन को कोई नेता या राजनीतिक दल नियंत्रित नहीं कर सकेगा। पहाड़ की मौजूदा स्थिति को चाय बागान मालिकों और सरकार को गंभीरता से लेना जरूरी है।
उन्होंने साफ कहा कि भले ही वह एक राजनीतिक दल के नेता के तौर पर डागापुर पहुंचे हैं, लेकिन वह वहां अपनी पार्टी का वर्चस्व बढ़ाने नहीं बल्कि पहाड़ के मौजूदा हालात के बारे में बताने आये हैं। उन्होंने कहा कि 12 घंटे के पहाड़ बंद की घोषणा के बाद, हम सभी ने घोषणा की कि पहाड़ खुला रहेगा, लेकिन मिरिक क्षेत्र में हजारों चाय श्रमिक सड़क पर उतर आए और बंद करा दिया। इसी तरह, दार्जिलिंग में कुछ चाय बागान श्रमिक सड़कों पर उतरने की बात कर रहे थे, हमने उनसे कहा है कि बैठक में 20 प्रतिशत पूजा बोनस की उम्मीद करें क्योंकि बैठक आज सिलीगुड़ी में हो रही है।
अजय एडवर्ड्स ने कहा कि यदि 20 प्रतिशत पूजा बोनस तय नहीं किया गया तो संभावना है कि कल पहाड़ अशांत हो जायेगा। एडवर्ड्स ने कहा कि सरकार और मालिकों को चाय श्रमिकों की मांगों को समझना चाहिए और 20 प्रतिशत पूजा बोनस को मंजूरी देनी चाहिए। उन्होंने चाय श्रमिकों और राजनीतिक दलों के नेताओं से अपील करते हुए कहा, ‘मैं चाय श्रमिकों से भी अपील करता हूं कि आप हिंसा नहीं, बल्कि शांतिपूर्वक अपनी मांगों को लेकर आगे बढ़ें। यदि राजनीतिक दलों के नेताओं को सचमुच कार्यकर्ताओं से प्यार है तो सभी पार्टी के झंडे-बैनर छोड़कर कार्यकर्ताओं के साथ आकर खड़े हों। हमें अपनी पार्टी का दबदबा नहीं दिखाना चाहिए बल्कि कार्यकर्ताओं को न्याय दिलाने की दिशा में काम करना चाहिए।
अजय एडवर्ड्स ने चेतावनी दी कि यदि चाय श्रमिकों की 20 प्रतिशत पूजा बोनस की मांग खारिज की गयी तो कल फिर से पहाड़ बंद करने की स्थिति आ सकती है। अगर ऐसा होता है तो उन्होंने चाय श्रमिकों से शांतिपूर्वक अपना आंदोलन जारी रखने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर आपके शांतिपूर्ण आंदोलन पर पुलिस आपके खिलाफ कार्रवाई करती है तो मैं आपके साथ रहूंगा।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता से उत्तर बंगाल का दौरा किया लेकिन चाय श्रमिकों की समस्या के बारे में एक भी शब्द नहीं कहा। उन्हें वास्तव में चाय श्रमिकों की समस्या की कोई परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि यह समझना मुश्किल है कि हम बंगाल के हैं या नहीं और हमारे माता-पिता कौन हैं। राज्य सरकार की ऐसी नीति के कारण हम सोचनके को बाध्य हो जाते हैं।
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