चाय की गरिमा बचाने को भारत सरकार बनाए चाय मंत्रालय : सुनील राई

दार्जिलिंग । अगर दार्जिलिंग चाय की गरिमा बचानी है तो दार्जिलिंग चाय की नीलामी दार्जिलिंग में होनी चाहिए। सीपीए के श्रमिक संगठन दार्जिलिंग तराई डुवार्स चिया कमान वर्कर्स यूनियन के महासचिव सुनील राई ने यह मांग की है। उन्होंने चाय बागानों की मौजूदा स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की।

पूर्व घोषणा के अनुरूप एसोसिएशन ने कल यहां चौक बाजार में श्रमिक शहीद दिवस मनाया। 25 जून 1955 की गोलीबारी में शहीद हुए शहीदों की याद में कल शहीद दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ पर संघ ने शहर में एक विशाल रैली भी निकाली।

इस मौके पर यूनियन के महासचिव सुनील राई ने पत्रकारों से बातचीत में तीन प्रमुख मुद्दे उठाए। पहला विषय था- दार्जिलिंग की गरिमा बचाने और ग्राहकों को शुद्ध दार्जिलिंग चाय का स्वाद दिलाने के लिए दार्जिलिंग चाय की नीलामी दार्जिलिंग में ही होनी चाहिए। दूसरा प्रमुख विषय था – दार्जिलिंग चाय को बचाने के लिए केंद्र सरकार को एक चाय मंत्रालय खोलना चाहिए। चाय के विकास और चाय श्रमिकों की सुरक्षा के लिए भी यह मांग महत्‍वपूर्ण है। तीसरा अहम मुद्दा ये था कि 25 जून को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए।

सुनील राई ने मांग की कि सरकार को 25 जून को सार्वजनिक अवकाश घोषित करना चाहिए क्योंकि 25 जून 1955 को गोलीबारी की घटना कोई सामान्य घटना नहीं थी, उसी श्रमिक आंदोलन के बाद चाय श्रमिकों को कई सुविधाएं और रियायतें मिलीं और यह आंदोलन श्रमिकों के शोषण का विरोध था। उन्होंने कहा, आज तक चाय श्रमिकों को जो भी सुविधाएं मिली हैं, वे 1955 के श्रमिक आंदोलन के परिणामस्वरूप मिली हैं। 1955 के मजदूर आंदोलन ने हमें एकजुट होकर शोषण के खिलाफ लड़ना सिखाया। चाहे मालिक हो या सरकार, आज तक किसी ने किसी को आसानी से कुछ नहीं दिया है, इसलिए हमें अपनी मांग के लिए एकजुट होना होगा।

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