दार्जिलिंग । सिक्किम सरकार ने 12 जातियों को जनजाति में शामिल करने के लिए बुद्धिजीवियों की एक समिति बनाई है। यह जानकारी मुख्यमंत्री ने दार्जिलिंग में एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के उत्तर में दी। गौरतलब है कि वह आज सुबह दार्जिलिंग आये थे। इस दौरान सीएम Prem Singh Tamang (Golay) का स्थानीय सेंट जोसेफ स्कूल और स्कूली छात्र-छात्राओं ने भव्य स्वागत किया।
सेंट जोसेफ स्कूल में कार्यक्रम के बाद उन्होंने पत्रकारों को कुछ समय दिया। उनके मुताबिक, 6 सितंबर को सेंट जोसेफ स्कूल ने उनके सम्मान में एक कार्यक्रम आयोजित किया था, लेकिन अपने कुछ सरकारी कर्तव्यों की अनिवार्यता के कारण वह उस दिन शामिल नहीं हो सके। वहीं कार्यक्रम आज की तारीख में आगे बढ़ने के बाद सीएम गोले ने कहा कि वह इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए हैं।
कुछ दिन पहले 12 जाति मंच को लेकर मिले पत्र के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री गोले ने कहा, यह निश्चित है कि कुछ दिन पहले सिक्किम सरकार को एक रिपोर्ट मिली है। उस रिपोर्ट में सिक्किम सरकार से ‘समीक्षा’ कर ‘प्रस्ताव रिपोर्ट’ सौंपने को कहा गया है और उसके आधार पर सिक्किम सरकार ने बुद्धिजीवियों की एक समिति बनाई है। इसके अलावा हम 12 जातियों के संगठनों से बात करके एक ‘प्रस्ताव’ तैयार करेंगे और उसके आधार पर एक रिपोर्ट भी तैयार करेंगे।
याद रहे कि लंबे समय से यह मांग होती रही है कि दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र की 11 जातियों और सिक्किम की 12 जातियों (सिक्किम में माझी समुदाय को भी जनजाति का दर्जा देने की मांग की जाती है) को जनजाति में शामिल किया जाए। इसी मुद्दे पर दार्जिलिंग लोकसभा सांसद राजू बिष्ट की दार्जिलिंग की 11 जातियों/समुदायों को आदिवासी का दर्जा देने की पहल भी सामने आ रही है। इसमें सिक्किम भी (12 जातियों/समुदायों) को आदिवासी दर्जा देने की पहल कर रहा है। आम जनता को पूरी उम्मीद है कि इस द्विदलीय पहल से इस समस्या का समाधन निकल सकता है।
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