वर्षों से पेयजल की समस्‍या झेल रहे हैं बर्थांग गांव के लोग

गंगटोक । पश्चिम जिला के गेजिंग बर्मेक विधानसभा बर्थांग गांव के 60-65 परिवार वर्षों से पेयजल की किल्‍लत से जूझ रहे हैं। स्थानीय एसबी सुब्बा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शिकायत की कि बर्थांग गांव में पीने के पानी की समस्या चालीस साल पहले से ही चली आ रही है लेकिन इसका समाधान नहीं किया जा रहा है।

श्री सुब्‍बा ने बताया कि यह समस्या सालों से वैसी ही बनी हुई है। पिछले 2002 में अलैंचे स्रोत से पीने का पानी लाने का काम शुरू किया गया था। काम की शुरुआत संबोक निवासी दीपक सुब्बा ने की थी। इसके लिए काफी काम किया गया और अब केवल पानी का पाइप बिछाना और दो टंकी के निर्माण का काम शेष रह गया है। इस पर करीब 22 लाख रुपये का खर्च आएगा। लेकिन इतना सा काम वर्षों से रुका हुआ है।

उन्‍होंने कहा हम गांव वालों को कितनी समस्‍या हो रही है यह गांव वाले ही जानते हैं। वर्तमान में केवल साज बोटे देवीथान में ही पानी है। वह भी चैत्र बैसाख आने के बाद सूख कर छोटा हो जाता है। हमारी समस्‍या पर कोई ध्‍यान नहीं दे रहा है।

उन्‍होंने कहा कि सबसे पहले यह पानी 1984 में भंडारी सरकार के दौरान केके प्रधान के नेतृत्व में लाया गया था। उस समय बिछाई गई पानी की पाइपें कहीं नहीं पहुंचीं, कोई मरम्मत कार्य नहीं हुआ और अब 80 परिवार केवल धारे के स्रोत से पानी पी रहे हैं, सर्दियों के दौरान यह पानी सूख जाता है। कुछ परिवारों ने निजी स्‍तर पर पानी के लिए पाइप बिछाई है। हम ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। केंद्र सरकार की परियोजनाएं हैं-हर घर जल, जल जीवन परियोजनाएं। लेकिन हमें पानी नहीं मिल रहा है। सभी जानते हैं कि जल ही जीवन है। लेकिन पेयजल को लेकर लापरवाही बरती जा रही है और काम बीच में ही रोक दिया गया है। संबंधित विभागों से कई बार शिकायत की गई है लेकिन किसी की ओर से ध्‍यान नहीं दिया जा रहा है।

#anugamini #sikkim

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

National News

Politics