गंगटोक । केंद्र सरकार द्वारा मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के राष्ट्रव्यापी शुभारंभ पर आज स्थानीय एक होटल में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक आयोजित की गई। इसमें मत्स्य विभाग की सचिव रोशनी राई, मत्स्य निदेशक केके श्रेष्ठ, पशुपालन व पशु चिकित्सा निदेशक डॉ संजय गजमेर, नाबार्ड महाप्रबंधक सह ओआईसी अजय कुमार सिन्हा, मत्स्य एवं पशुपालन विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और बैंकों के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हुए।
बैठक की शुरुआत केसीसी अभियान की प्रमुख विशेषताओं और इसे जारी करने वाले बैंकों के पिछले प्रदर्शन पर एसएलबीसी के समन्वयक गदाधर राय की प्रस्तुति से हुई। उन्होंने बताया कि सिक्किम में कृषि क्षेत्र में 24 प्रतिशत, पशुपालन क्षेत्र में 12 प्रतिशत और मत्स्य पालन क्षेत्र में 1 प्रतिशत से कम वित्तपोषण प्रवेश दर है। साथ ही, उन्होंने सिक्किम में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में ऋण प्रवाह और वित्तपोषण में सुधार के लिए प्रमुख चुनौतियों पर विस्तार से बताया।
वहीं, मत्स्य उप निदेशक नितेश गुरुंग ने भी अपनी प्रस्तुति में किसान कार्ड समर्थित गतिविधियों, केसीसी के लिए पात्रता मानदंड, केसीसी आवेदकों के सामने आने वाली समस्याओं और अभियान की प्रक्रिया में सहायता के लिए बैंकों के लिए प्रमुख सुझावों पर प्रकाश डाला। साथ ही, पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त निदेशक विशाल तिवारी ने भी नितेश गुरुंग द्वारा उठाए गए कई प्रमुख मुद्दों और सुझावों को पुष्ट किया। इसके बाद, अभियान के तहत अलग-अलग बैंकों को बजट का आवंटन किया गया।
इसके बाद कोटा, उनके सामने आने वाली समस्याओं और केसीसी आवेदकों और संबंधित बैंकों दोनों को लाभान्वित करने के संभावित समाधानों के बारे में वरिष्ठ बैंक प्रतिनिधियों के साथ चर्चा हुई। वहीं, नाबार्ड के महाप्रबंधक अजय कुमार सिन्हा ने अपने समापन भाषण में सिक्किम द्वारा डेयरी क्षेत्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन का जिक्र जोर दिया कि राज्य में पशुपालन और मत्स्य पालन के क्षेत्र में भी अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए ट्राउट मछली पकड़ने का उदाहरण दिया।
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