थिम्पू, 22 मार्च । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भूटान के लोगों द्वारा अपने सुंदर देश में उनका ‘‘यादगार स्वागत’’ करने के लिए वह आभारी हैं। साथ ही उन्होंने भारत-भूटान मित्रता के ‘नयी ऊचांइयां छूते रहने’ की उम्मीद जताई।
मोदी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर इस हिमालयी देश में पहुंचे हैं। उनकी यात्रा का उद्देश्य ‘पड़ोस प्रथम’ की नीति के तहत भूटान के साथ भारत के अनूठे संबंधों को और मजबूत बनाना है।
मोदी का पारो हवाई अड्डे पर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। हवाई अड्डे पर भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने उनकी अगवानी की।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भूटान में गर्मजोशी से स्वागत के लिए आपका शुक्रिया प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे। भारत-भूटान मित्रता नयी ऊंचाइयां छूती रहे।’’
पारो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से थिम्पू तक के 45 किलोमीटर लंबे मार्ग को भारत और भूटान के झंडों से सजाया गया था और मार्ग के दोनों ओर खड़े भूटानी लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।
बाद में, पारंपरिक भारतीय पोशाक पहने भूटानी युवाओं के एक समूह ने प्रधानमंत्री मोदी का देश में स्वागत करते हुए उनके द्वारा लिखे एक गरबा गीत पर नृत्य किया।
मोदी ने उन्हें नृत्य करते हुए देखा और प्रस्तुति के अंत में उनकी सराहना की।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं भूटान के लोगों खासतौर से युवा बच्चों का उनके खूबसूरत देश में यादगार स्वागत करने के लिए आभारी हूं।’’ उन्होंने भूटान के विभिन्न वर्गों के लोगों से बातचीत करते हुए कुछ तस्वीरें भी साझा कीं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह यात्रा भारत और भूटान के बीच नियमित रूप से होने वाली उच्चस्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा और सरकार की ‘पड़ोस प्रथम की नीति’ पर जोर देने की कवायद के अनुरूप है।
भूटान के प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर हिंदी में लिखा, ‘‘भूटान में आपका स्वागत है मेरे बड़े भाई।’’
दो दिन के भूटान दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया। भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले पीएम मोदी पहले विदेशी शासनाध्यक्ष बन गए हैं।
भूटान दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी को वहां के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ से सम्मानित किया। बता दें कि अपनी स्थापना के बाद से यह पुरस्कार केवल चार प्रतिष्ठित हस्तियों को प्रदान किया गया है। ऐसे में पीएम मोदी भूटान के इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान को पाने वाले पहले विदेशी शासनाध्यक्ष हैं।
इससे पहले 2008 में महामहिम रॉयल क्वीन दादी आशी केसांग चोडेन वांगचुक, परम पावन जे थ्रिज़ुर तेनज़िन डेंडुप (भूटान के 68वें जे खेंपो) और 2018 में परम पावन जे खेंपो त्रुलकु न्गावांग जिग्मे चोएद्रा को यह सम्मान दिया जा चुका है।
इस सम्मान को पाने के बाद इसका वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर कर पीएम मोदी ने लिखा कि, ”भूटान द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ पुरस्कार से सम्मानित होने पर गर्व महसूस कर रहा हूं। मैं इसे 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित करता हूं।”
इससे पहले मोदी ने भूटान की अपनी यात्रा के बारे में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया था। उन्होंने कहा था, “भूटान के रास्ते में हूं, जहां मैं भारत-भूटान साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लूंगा। मैं भूटान नरेश, भूटान के चौथे नरेश और प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे से मुलाकात करने के लिए उत्साहित हूं।’’
यह यात्रा 21 से 22 मार्च को होनी थी लेकिन भूटान में खराब मौसम के कारण इसे टाल दिया गया था।
इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भूटान के चौथे नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से मुलाकात करेंगे। वह भूटान के अपने समकक्ष शेरिंग टोबगे के साथ भी बातचीत करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक बयान में कहा था कि यह यात्रा दोनों पक्षों को पारस्परिक हित के द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान करने और दोनों देशों के लोगों के लाभ के लिए आपसी अनुकरणीय साझेदारी को विस्तारित एवं मजबूत करने के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करेगी।
बयान में कहा गया था कि भारत और भूटान के बीच आपसी विश्वास, समझ एवं सद्भावना पर आधारित एक अनूठी व स्थायी साझेदारी है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “हमारी साझी आध्यात्मिक विरासत और दोनों देशों के लोगों के बीच मधुर संबंध हमारे असाधारण संबंधों में घनिष्ठता एवं जीवंतता का समावेश करते हैं।”
प्रधानमंत्री का पारंपरिक बौद्ध मठ तशिछो डोंग में भव्य स्वागत किया जाएगा।
वह थिम्पू में भारत सरकार के सहयोग से निर्मित आधुनिक सुविधाओं वाले अस्पताल ‘ज्ञाल्तसुएन जेत्सुन पेमा मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल’ का भी उद्घाटन करेंगे।
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे गत सप्ताह भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर गए थे। यह जनवरी में शीर्ष पद संभालने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा थी।
भारत और भूटान के बीच राजनयिक संबंध 1968 में स्थापित हुए थे। भारत-भूटान संबंधों की मूल रूपरेखा 1949 में दोनों देशों के बीच हुई मित्रता एवं सहयोग संधि रही है जिसमें फरवरी 2007 में संशोधन किया गया था। (एजेन्सी)
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