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बांग्लादेश ने भारत को 6 रन से हराया

एशिया कप में 2012 के बाद इंडिया से जीते

कोलंबो, 15 सितम्बर (एजेन्सी)। पहले ही फाइनल में पहुंच चुकी भारतीय टीम को सुपर-फोर स्टेज के आखिरी मैच में एशिया कप की पहली हार मिली। शुभमन गिल का शतक और अंत में अक्षर पटेल की तेजतर्रार पारी भी बांग्लादेश के खिलाफ काफी साबित नहीं हुई। बांग्ला टाइगर्स पहले अच्छी बल्लेबाजी और फिर कसी हुई गेंदबाजी के बूते अपनी इज्जत बचाने में कामयाब रहे। यह एशिया कप के इतिहास में बांग्लादेश की भारत पर सिर्फ दूसरी जीत है, इससे पहले भारत को मीरपुर, 2012 में हार मिली थी। हालांकि इस मुकाबले का नतीजा दोनों टीमों के लिए मायने नहीं रखेगा। अब टूर्नामेंट का फाइनल मैच भारत-श्रीलंका के बीच 17 सितंबर को खेला जाएगा। टॉस गंवाकर पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश ने भारत के सामने 265 रन का चैलेंजिंग टोटल खड़ा किया। बाद में स्पिनर्स ने जाल बुनते हुए हुए भारतीय बल्लेबाजों पर नकेल कसी। आखिरी ओवर में भारत को 12 रन चाहिए थे और उसका सिर्फ एक ही विकेट बचा था। शमी ने एक चौका जरूर मारा, लेकिन पांचवीं गेंद पर रन आउट हो गए, इस तरह बांग्लादेश को छह रन से जीत मिली।

भारतीय टीम एशिया कप के फाइनल में पहले ही पहुंच चुकी थी और सुपर-4 स्टेज का अंतिम मैच उसके लिए अभ्यास की तरह था। इस मैच में टीम पांच बदलावों के साथ उतरी और बेंच पर बैठे फास्ट बॉलर्स मोहम्मद शमी, प्रसिद्ध कृष्णा को इलेवन में रखा। युवा तिलक वर्मा को वनडे इंटरनेशनल में डेब्यू का मौका भी मिला। उधर, बांग्लादेश के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं था। उसके कप्तान शाकिब अल हसन (80 रन) और तौहिद हृदय (54 रन) ने भारत के कम धारधार बोलिंग अटैक का फायदा उठाते हुए अर्धशतक जड़े। इसकी बदौलत बांग्लादेश ने आठ विकेट पर 265 रन का अच्छा स्कोर खड़ा किया। बाद में उसके गेंदबाजों ने धारदार खेल दिखाया।

भारतीय टीम के लिए सूर्यकुमार, तिलक और केएल राहुल ने अगर तीन कैच लपक लिए होते तो बांग्लादेश की पारी शायद पहले ही खत्म हो जाती। वैसे भी भारत ने इस मैच में विराट कोहली, हार्दिक पंड्या, मोहम्मद सिराज, जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव को आराम दिया जबकि तिलक वर्मा को वनडे में डेब्यू करवाया। इससे मोहम्मद शमी, प्रसिद्ध कृष्णा, शार्दुल ठाकुर और सूर्यकुमार यादव को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया। भारत ने इस मैच से दो लक्ष्य हासिल किए, एक तो यह प्रदर्शन श्रीलंका को फाइनल के लिए अपनी तैयारी दिखाने के लिए काफी रहा और दूसरा संभावित खिलाड़ियों के प्रदर्शन से टीम प्रबंधन भी किसी भी स्थिति के लिए अपने ‘बैक अप’ खिलाड़ियों की उपलब्धता पर आश्वस्त हो गया।

266 रन के लक्ष्य के जवाब में भारतीय टीम 49.5 ओवर में 259 रन पर सिमट गई। सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल (121 रन) ने पांचवां वनडे शतक जड़ा, लेकिन टीम को जीत नहीं दिला पाए। गिल एक छोर पर टिके रहे, लेकिन दूसरी तरफ से विकेट गिरते रहे। बांग्लादेश के स्पिन आक्रमण के खिलाफ वह 44वें ओवर तक डटे रहे, उनकी 133 गेंद की पारी में आठ चौके और पांच छक्के शामिल थे। अक्षर पटेल (34 गेंद में 42 रन) ने अंत में कुछ शानदार शॉट लगाकर भारत को जीत की दौड़ में बनाये रखा, लेकिन हार से नहीं बचा सके। भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और कप्तान रोहित शर्मा खाता खोले बिना पारी की दूसरी गेंद पर पदार्पण कर रहे तंजिम हसन साकिब की गेंद पर अनामुल हक को आसान कैच देकर पवेलियन पहुंच गए। तिलक वर्मा पदार्पण में कोई कमाल नहीं कर सके और वह भी तंजिम हसन का शिकार बने। इस तरह तीसरे ओवर में भारत ने अपना दूसरा विकेट गंवा दिया। केएल राहुल (19 रन) गिल का साथ निभा रहे थे। गिल जहां तेजी से बल्लेबाजी करते हुए अपने अर्धशतक की ओर पहुंच गये, वहीं राहुल धीमा खेल रहे थे। सूर्यकुमार यादव (26 रन) ने भी निराश किया।

ऑलराउंडर रविंद्र जाडेजा वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में 2,000 से अधिक रन और 200 से अधिक विकेट लेने वाले भारत के दूसरे और दुनिया के 14वें क्रिकेटर बन गए हैं। जाडेजा अपना 182वां वनडे इंटरनेशनल खेलने उतरे। जडेजा ने बांग्लादेश के शमीम हुसैन को आउट करके वनडे इंटरनेशनल में अपने 200 विकेट पूरे किए। जडेजा से पहले भारत की तरफ से यह उपलब्धि महान ऑलराउंडर कपिल देव ने हासिल की थी। उन्होंने 225 वनडे में 3783 रन बनाने के अलावा 253 विकेट भी लिए थे। जडेजा वनडे में 200 विकेट लेने वाले सातवें भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। उनसे पहले अनिल कुंबले (337 विकेट), जवागल श्रीनाथ (315), अजित अगरकर (288), जहीर खान (282), हरभजन सिंह (269) और कपिल देव (253) इस मुकाम पर पहुंचे थे।

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