गंगटोक । सिक्किम के अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त तीरंदाज तरुणदीप राई आगामी पेरिस ग्रीष्मकालीन ओलंपिक 2024 में पुरुष रिकर्व टीम में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। विश्व के सबसे बड़े खेल आयोजन में एक सिक्किमी खिलाड़ी द्वारा देश का प्रतिनिधित्व करना राज्य के लिए गर्व की बात है।
दक्षिण सिक्किम के नामची में 22 फरवरी, 1984 को जन्मे तरुणदीप राई ने 19 साल की उम्र में म्यांमार में 2003 एशियाई तीरंदाजी प्रतियोगिता के दौरान अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया। उसी वर्ष, वह न्यूयॉर्क विश्व चैंपियनशिप में सराहनीय चौथा स्थान हासिल वाली भारतीय तीरंदाजी टीम का भी हिस्सा थे। भारतीय फुटबॉल के दिग्गज खिलाड़ी बाइचुंग भूटिया उनके चचेरे भाई हैं जिन्होंने सिक्किम को भारत के खेल मानचित्र पर प्रसिद्ध किया। इन शानदार कदमों पर चलते हुए, तरुणदीप ने तीरंदाजी में एक उल्लेखनीय करियर बनाया है। वह तीन बार ओलंपियन बने और पूर्वोत्तर राज्य को कई पुरस्कार दिलाए हैं।
राई की पहली बड़ी व्यक्तिगत जीत 2004 में हुई जब उन्होंने बैंकॉक में एशियाई ग्रैंड प्रिक्स में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। उसके बाद उन्होंने सफलता जारी रखते हुए 2004 एथेंस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया, जहाँ उन्होंने पुरुषों की व्यक्तिगत रिकर्व स्पर्धा में भाग लिया और कुल मिलाकर 43वें स्थान पर रहे। हालांकि, रैंकिंग राउंड से गुजरने के बावजूद राई को पहले एलिमिनेशन राउंड में ग्रीक तीरंदाज एलेक्जेंड्रोस कारागेओर्गियो ने 147-143 के करीबी स्कोर के साथ बाहर कर दिया। वह एथेंस ओलंपिक में 11वें स्थान पर रही पुरुषों की टीम स्पर्धा का भी हिस्सा थे।
तीरंदाजी में तरुणदीप राई के कौशल और समर्पण का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्हें पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया गया है। यह उनके शानदार करियर में एक और मील का पत्थर है। साथ ही वे सिक्किम समेत पूरे देश के एथलीटों के लिए प्रेरणा की किरण बने हुए हैं। बहरहाल, जैसे-जैसे पेरिस ग्रीष्मकालीन ओलंपिक नजदीक आ रहा है, देश इस तीरंदाज से एक और शानदार प्रदर्शन की उम्मीद कर रहा है।
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